उत्तराखंड अर्धकुंभ 2027 की मेजबानी करेगा, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की घोषणा

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को ऐलान किया कि साल 2027 में उत्तराखंड में कुंभ का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा, “यह एक सुव्यवस्थित आयोजन होगा, जिसमें श्रद्धालुओं के लिए सबसे बेहतरीन सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी।” उन्होंने सावधानीपूर्वक योजना बनाने के लिए संतों और धार्मिक संगठनों के साथ परामर्श पर जोर दिया।

मुख्यमंत्री धामी ने कुंभ के आध्यात्मिक महत्व पर बात की और देवी गंगा, यमुना और सरस्वती की दिव्य कृपा पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “यहां आने वाला हर व्यक्ति एक पुण्य कार्य में भाग ले रहा है। यह अवसर हमें दुनिया भर के पूज्य संतों और भक्तों से जुड़ने का अवसर देता है।” उन्होंने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 के आयोजनों के लिए की गई व्यवस्थाओं की भी प्रशंसा की और कुशल प्रबंधन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार की सराहना की।

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दरअसल, सीएम धामी रविवार को महाकुंभ नगर पहुंचे और उत्तराखंड मंडपम का निरीक्षण किया। साथ ही वह सेक्टर आठ में चल रहे ज्ञान महाकुंभ में भी शामिल हुए। सरकार द्वारा जारी बयान के मुताबिक, प्रयागराज पहुंचने पर धामी ने कहा, “महाकुंभ, आस्था का महासंगम है। हमारे देश के करोड़ों लोग यहां पवित्र संगम में स्नान कर रहे हैं। हम मां गंगा, यमुना और सरस्वती से प्रार्थना करेंगे कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारा देश निरंतर समृद्धि और प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ता रहे।”

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मुख्यमंत्री ने यहां स्थापित उत्तराखंड मंडपम का निरीक्षण किया और उत्तराखंड मंडपम में आए श्रद्धालुओं से मुलाकात की एवं उनका हालचाल जाना। उन्होंने श्रद्धालुओं से व्यवस्थाओं की जानकारी ली और उनकी सुविधा को लेकर संतोष जताया। बयान के मुताबिक, धामी ने सेक्टर-आठ, प्रयागवाल मार्ग पर आयोजित ‘ज्ञान महाकुंभ’ में भी भाग लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने धार्मिक, आध्यात्मिक और बौद्धिक विमर्शों पर अपने विचार साझा किए।

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उन्होंने कहा, “शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए आयोजित यह ज्ञान महाकुंभ निश्चित रूप से हमारी आने वाली नई पीढ़ी के विद्यार्थियों को एक नई दिशा देने का कार्य करेगा। प्रयागराज की पवित्र धरा पर हो रहे ‘ज्ञान महाकुंभ’ में शैक्षिक प्रदर्शनी, संगोष्ठियां, छात्र, महिला और आचार्य सम्मेलन जैसे विभिन्न आयोजनों के माध्यम से युवाओं में भारतीय ज्ञान परंपरा की चेतना को जागृत किया जा रहा है।”