हिमालय प्रहरी

सीएम धामी ने उत्तराखंड को ‘सम्पूर्ण स्वास्थ्य, अध्यात्म और प्रकृति का संगम’ बताया, विदेशी प्रतिनिधियों से साझा की योग-आयुर्वेद परंपरा

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देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड को केवल एक तीर्थस्थल नहीं, बल्कि “सम्पूर्ण स्वास्थ्य, अध्यात्म और प्रकृति का संगम” बताया है। उन्होंने कहा कि यहाँ का प्रत्येक गाँव किसी तीर्थ से कम नहीं है और भारतीय संस्कृति की सभी जीवंत विरासतें यहाँ विद्यमान हैं।

परमार्थ निकेतन में रात्रि प्रवास के दौरान सीएम धामी ने 25 देशों के उच्चायुक्तों, राजदूतों और प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने सभी से भारत की प्राचीन योग, आयुर्वेद और वेलनेस परंपराओं को साझा किया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों को उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्य, आध्यात्मिक विरासत और स्वास्थ्य पर्यटन की अपार संभावनाओं पर विस्तार से जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गढ़वाल और कुमाऊँ अंचल में हेल्थ और वेलनेस सेंटर्स स्थापित करके उत्तराखंड को योग और आयुर्वेद के वैश्विक मानचित्र पर प्रमुखता से स्थापित किया जा सकता है।


परमार्थ निकेतन संग पर्यावरण और महिला सशक्तिकरण पर चर्चा

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने उत्तराखंड में 100 नर्सरियों के कुशल संचालन के लिए मुख्यमंत्री धामी से चर्चा की। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने बताया कि यह पहल केवल पर्यावरण संरक्षण की ही नहीं, बल्कि इसके माध्यम से महिला सशक्तिकरण और स्थानीय आजीविका को प्रोत्साहित करने का भी एक अद्भुत प्रयास किया जा सकता है।

इन नर्सरियों के माध्यम से हिमालयी औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों के संरक्षण और संवर्धन के साथ-साथ ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनकी पत्नी गीता धामी को हिमालय की हरित परंपरा की अनुपम भेंट के रूप में रुद्राक्ष का पौधा भेंट कर पर्यावरण और संस्कृति के संरक्षण का संदेश दिया।

यह पहल उत्तराखंड को विश्व पटल पर आध्यात्मिक और प्राकृतिक पर्यटन के केंद्र के रूप में स्थापित करने में सहायक होगी।

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