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उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन को मजबूत करने के लिए तहसील स्तर पर ‘क्विक रिस्पांस टीमें’ होंगी गठित: सीएम धामी

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देहरादून: आपदा की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में अब आपदाओं का प्रभावी ढंग से सामना करने के लिए तहसील स्तर पर क्विक रिस्पांस टीमों (QRTs) का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलों को जल्द से जल्द इन टीमों को गठित करने के निर्देश दिए हैं। इन टीमों का उद्देश्य राहत व बचाव, क्षति का आकलन, राहत वितरण, पुनर्निर्माण और पुनर्वास संबंधी कार्यों को तेजी से संचालित करना है।


 

मानसून अवधि में टीमों की मासिक बैठकें अनिवार्य

 

मुख्यमंत्री धामी ने सोमवार को आइटी पार्क स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर प्रदेश में वर्षा के कारण उत्पन्न स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने जोर दिया कि मानसून अवधि में इन क्विक रिस्पांस टीमों की बैठकें प्रति माह 1, 11 और 21 तारीख को अनिवार्य रूप से की जाएँ। उन्होंने इन टीमों में विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों और तकनीकी विशेषज्ञों को शामिल करने को भी कहा।


 

जिलाधिकारियों को दिए गए अहम निर्देश

 

मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से वर्चुअल माध्यम से बातचीत कर सड़कों की स्थिति, चारधाम और कांवड़ यात्रा की व्यवस्था, विद्युत, पेयजल योजनाओं की स्थिति समेत अन्य विषयों पर जानकारी ली। उन्होंने चार जिलों के लिए जारी वर्षा के रेड अलर्ट को देखते हुए एहतियात बरतने के निर्देश दिए।

प्रमुख निर्देश:

  • 24 घंटे अलर्ट मोड: पूरे मानसून सीजन में सभी अधिकारी 24 घंटे अलर्ट मोड में रहें।
  • मौसम पूर्वानुमान: जान-माल की क्षति से बचने के लिए मौसम के पूर्वानुमान का अपडेट लोगों को तुरंत मिले, इसके लिए ग्राम स्तर तक आपदा प्रबंधन तंत्र को सक्रिय रखा जाए।
  • सड़कें सुचारु: वर्षा के कारण बाधित सड़कों को शीघ्रता से सुचारु कराया जाए।
  • उपकरणों की उपलब्धता: भू-स्खलन की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
  • रिस्पांस टाइम: आपात स्थिति में रिस्पांस टाइम कम से कम किया जाए।
  • आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता: पर्वतीय जिलों में खाद्यान्न, दवाइयों समेत आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
  • शहरी जलभराव: शहरी क्षेत्रों में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए जाएँ।
  • नदियों पर निगरानी: नदियों के जल स्तर पर निगरानी रखी जाए।
  • चारधाम यात्रियों को अपडेट: चारधाम यात्रियों को मौसम का नियमित अपडेट दिया जाए, और मार्ग बाधित होने की दशा में ठहराव वाले स्थलों में सभी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँ।

 

धरातल पर जाकर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

 

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि वे धरातल पर जाकर स्थिति का जायजा लें, जिससे ग्राउंड जीरो पर कार्यरत कार्मिकों का मनोबल बढ़ेगा और आमजन में शासन-प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ेगा।


 

हादसों पर अंकुश लगाने और ट्रैफिक प्लान में बदलाव

 

मुख्यमंत्री ने बढ़ते हादसों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सड़क दुर्घटनाओं और नदी में डूबने से हो रहे हादसों पर अंकुश लगाने के लिए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने लोगों से नदी तटों से दूर रहने की अपील करते हुए उन्हें खतरों के बारे में बताने को कहा। सड़क हादसों के कारणों का अध्ययन कर प्रभावी रणनीति बनाने पर भी जोर दिया।

उन्होंने मौसम की स्थिति के अनुसार ट्रैफिक प्लान में भी बदलाव पर जोर दिया। यदि कोई मार्ग वर्षा के चलते संवेदनशील बना है, तो वैकल्पिक मार्गों से यातायात का संचालन होना चाहिए, और खतरा महसूस होने पर वाहनों को सुरक्षित स्थानों पर रोका जाना चाहिए।


 

अतिक्रमण हटाना और विद्युत सुरक्षा

 

मैदानी क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कहीं पर अतिक्रमण के कारण जलभराव हो रहा है, तो ऐसे अतिक्रमण चिह्नित कर उसे हटाने के कदम उठाए जाएँ। साथ ही, बाढ़ की संभावना के दृष्टिगत प्रभावित क्षेत्रों में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने को भी कहा।

मुख्यमंत्री ने वर्षा के कारण विद्युत करंट फैलने जैसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए, ताकि ऐसी घटनाएँ न हों। उन्होंने गिरासू भवनों का सुरक्षा ऑडिट कराने पर भी जोर दिया और कहा कि यदि कहीं कोई स्कूल या अस्पताल ऐसे भवनों में संचालित हो रहे हैं, तो उनके लिए तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।


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