हल्द्वानी: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार (26 नवंबर) को एक दिवसीय दौरे पर नैनीताल जिला मुख्यालय हल्द्वानी पहुँचे। उन्होंने एमबी इंटर कॉलेज के मैदान में सहकारिता विभाग द्वारा आयोजित सहकारिता मेला 2025 में हिस्सा लिया और महिला स्वयं सहायता समूह तथा विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टालों का निरीक्षण किया।
💰 सहकारिता से सशक्तिकरण
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में सहकारिता आंदोलन और महिलाओं के आर्थिक उत्थान पर जोर दिया:
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मेले का उद्देश्य: प्रत्येक जनपद में आयोजित हो रहे इन मेलों का मुख्य उद्देश्य महिला समूहों द्वारा बनाए जा रहे लोकल उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराना और सहकारिता विभाग की योजनाओं को जनता तक पहुँचाना है।
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डिजिटलीकरण: उन्होंने कहा कि पूरे देश में बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों को कंप्यूटराइज करने की शुरुआत उत्तराखंड में हुई है। प्रदेश की 671 सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण पूरा हो चुका है, जिससे किसान ऑनलाइन लाभ उठा रहे हैं।
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सरकारी पहलें:
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नई समितियाँ: फरवरी 2023 से अब तक 800 नई टैक्स समितियाँ और मत्स्य समितियों का गठन किया गया है।
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जनऔषधि केंद्र: 24 समितियाँ जनऔषधि केंद्र के रूप में काम कर रही हैं, और 640 समितियों को कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में विकसित किया गया है।
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वित्तीय सहायता:
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ब्याज रहित ऋण: दीनदयाल किसान कल्याण योजना के माध्यम से किसानों को पाँच लाख तक का ब्याज रहित ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।
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मंडुआ मूल्य वृद्धि: मंडुआ का खरीद मूल्य ₹42.90 प्रति किलो से बढ़ाकर ₹48.86 प्रति किलो कर दिया गया है।
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महिला सशक्तिकरण: सीएम धामी ने बताया कि प्रदेश की एक लाख से अधिक महिलाएँ ‘लखपति दीदी’ बनी हैं।
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सहकारी बैंकों पर विश्वास: प्रदेश के विभिन्न सहकारी बैंकों में आज ₹16 हजार करोड़ से अधिक की जमा पूंजी है।
🏙️ हल्द्वानी की डेमोग्राफी पर बड़ा बयान
मुख्यमंत्री धामी ने हल्द्वानी के डेमोग्राफी (जनसांख्यिकी) में हो रहे बदलाव पर सख्त रुख अपनाया:
“प्रदेश की संस्कृति, डेमोग्राफी और यहाँ के मूल अस्तित्व को अब आगे खराब नहीं होने दिया जाएगा। प्रदेश के सभी जिलों में सत्यापन अभियान चलाए जा रहे हैं। पिछले 10 सालों में हुए डेमोग्राफी में बदलाव और जारी हुए सभी प्रमाणपत्रों की जाँच की जा रही है। गलत तरीके से पात्रता लेने और देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
🏔️ चारधाम और शीतकाल यात्रा
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चारधाम यात्रा: विपरीत परिस्थितियों के बावजूद इस वर्ष 51 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुँचने पर उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की और यात्रा को सुगम बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई।
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शीतकाल यात्रा: उन्होंने घोषणा की कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी शीतकाल यात्रा का आयोजन होगा। गेस्ट हाउस के कमरों के किराए में कटौती की गई है।
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पर्यटकों से अपील: उन्होंने पर्यटकों से अपील की कि विंटर सीजन में उत्तराखंड की वादियों का लुफ़्त उठाएँ, सरकार उनके स्वागत के लिए तैयार है।
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