सोनीपत में CRPF जवान की गोली मारकर हत्या: हरिद्वार में कांवड़ियों से झगड़े का शक

खबर शेयर करें -

सोनीपत: सोनीपत में छुट्टी पर घर आए सीआरपीएफ जवान कृष्ण कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। पुलिस को शक है कि इस हत्या में गांव के ही तीन कांवड़ियों – निशांत, आनंद और अजय – का हाथ है, जिनसे जवान का कुछ दिन पहले हरिद्वार में झगड़ा हुआ था। कृष्ण कुमार इस समय छत्तीसगढ़ में तैनात थे और एक महीने की छुट्टी पर अपने घर आए हुए थे।


 

कांवड़ यात्रा के झगड़े से जुड़ा है मामला

 

पुलिस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि हाल ही में जवान हरिद्वार से कांवड़ लेने गया था, और उसी दौरान उसका कुछ लड़कों के साथ विवाद हो गया था। जवान के पिता ने भी पुलिस को बताया है कि हरिद्वार में आरोपियों के साथ कहासुनी हुई थी, जिसके चलते उन्होंने इस वारदात को अंजाम दिया। परिजनों की शिकायत पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड का चर्चित ब्लॉगर बिरजू मयाल गिरफ्तार, रंगदारी, छेड़छाड़ और मारपीट के तीन नए मुकदमे दर्ज

 

4 दिन पहले ही बने थे पिता, दो छोटे बच्चे

 

यह घटना बेहद दुखद है क्योंकि कृष्ण कुमार की पत्नी ने अभी 4 दिन पहले ही एक बेटे को जन्म दिया था। उनकी पत्नी इस समय खानपुर कलां स्थित भगत फूल सिंह महिला मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं। हत्या के दिन भी कृष्ण कुमार पूरे दिन अस्पताल में ही मौजूद थे।

यह भी पढ़ें 👉  मनसा देवी भगदड़ के बाद प्रशासन सख्त: सीढ़ी मार्ग बंद, अब रैंप मार्ग से होंगे दर्शन

कृष्ण कुमार पिछले 11 साल से सीआरपीएफ में अपनी सेवाएं दे रहे थे। उनकी शादी 7 साल पहले हुई थी और उनके दो बच्चे हैं – एक करीब 6 साल का बेटा और दूसरा नवजात बेटा, जिसका जन्म 4 दिन पहले ही हुआ था।


 

घर से बाहर बुलाकर की हत्या

 

प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, हत्यारों ने रात करीब 1 बजे जवान कृष्ण कुमार को घर से बाहर बुलाया। बातचीत के दौरान हमलावरों ने उन्हें गोली मार दी। गोली की आवाज सुनकर परिजन जवान को अस्पताल ले गए, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस पूरे मामले की जांच के लिए पुलिस की 4 टीमें लगाई गई हैं।

यह भी पढ़ें 👉  एनसीईआरटी के 'ऑपरेशन सिंदूर' पर उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने की सराहना, पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय

 

क्या आपको लगता है कि इस तरह के छोटे-मोटे झगड़ों का इतना गंभीर परिणाम होना चिंताजनक है?