उत्तराखंड: प्राइमरी स्कूलों में बढ़ा ड्रॉपआउट, 1000 छात्रों पर 9 छोड़ रहे पढ़ाई
देहरादून: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (UDISE+) की 2024-25 की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड के बेसिक स्कूलों में छात्रों का ड्रॉपआउट बढ़ने लगा है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है। यह स्थिति तब और भी चिंताजनक है जब पड़ोसी राज्यों में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या लगभग शून्य हो चुकी है।
केंद्रीय रिपोर्ट से उठा शिक्षा व्यवस्था पर सवाल
रिपोर्ट के आँकड़े बताते हैं कि उत्तराखंड में प्राइमरी स्तर पर स्कूल छोड़ने वाले बच्चों का प्रतिशत 2023-24 में 0.8 से बढ़कर 2024-25 में 0.9 हो गया है। इसका मतलब है कि राज्य में हर 1000 छात्रों पर 9 छात्र प्राइमरी स्तर पर ही पढ़ाई छोड़ रहे हैं। यह दर देश के औसत ड्रॉपआउट दर (0.3%) से कहीं अधिक है। जबकि छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में स्थिति उत्तराखंड से बेहतर है और झारखंड जैसे राज्य इसे शून्य करने में कामयाब रहे हैं।
स्कूल और शिक्षक ज्यादा, फिर भी घट रहे छात्र
यह भी सामने आया है कि उत्तराखंड उन राज्यों में शामिल है जहाँ स्कूलों और शिक्षकों की संख्या छात्रों के अनुपात में अधिक है। यहाँ प्राइमरी स्कूलों में हर 18 छात्रों पर एक शिक्षक तैनात है, फिर भी स्कूलों में छात्रों की संख्या लगातार कम हो रही है।
माध्यमिक स्तर पर हुआ बड़ा सुधार
हालांकि, एक सकारात्मक पहलू भी है। प्राइमरी स्तर पर ड्रॉपआउट बढ़ने के विपरीत, उत्तराखंड में अपर प्राइमरी और माध्यमिक स्तर पर ड्रॉपआउट घटा है। अपर प्राइमरी में यह दर 2.3 से घटकर 1.40 प्रतिशत हो गई है, जबकि माध्यमिक स्तर पर यह 5.6 से घटकर 4.6 प्रतिशत हो गई है। माध्यमिक स्तर पर यह सुधार झारखंड के बाद देश में सबसे बेहतर माना जा रहा है।



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