पिंजरे के ‘लॉक’ न होने से आदमखोर गुलदार चकमा देकर भागा, वन विभाग को मिली मायूसी
खटीमा: चंपावत जिले के लोहाघाट तहसील के बाराकोट ब्लॉक के धरगड़ा गाँव में मंगलवार, 9 नवंबर, को एक ग्रामीण देव सिंह अधिकारी को शिकार बनाने वाले गुलदार को पकड़ने की वन विभाग की कोशिशों को झटका लगा है। वन विभाग ने गुलदार को ट्रैप करने के लिए पिंजरे लगाए थे, लेकिन गुरुवार को पिंजरे में रखा शिकार तो गुलदार चट कर गया, मगर पिंजरे का लॉक न होने के कारण वह कैद होने से बाल-बाल बच निकला।
⚠️ सफल होते-होते चूका पिंजरा
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घटना: गुलदार को ट्रैप में फँसाने के लिए लगाए गए पिंजरे में वह घुस गया और रखे गए शिकार को खा गया।
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असफलता का कारण: पिंजरे का दरवाजा लॉक (बंद) नहीं हो पाया। स्थानीय लोगों के अनुसार, जब सुबह ग्रामीण पिंजरे के पास पहुँचे, तो उन्होंने दरवाजा आधा खुला पाया, और अंदर से शिकार गायब था।
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दहशत और नाराजगी: घटना के बाद वन विभाग को मायूसी हाथ लगी, वहीं ग्रामीणों ने वन विभाग द्वारा लगाए गए ऐसे पिंजरों पर गहरी नाराजगी व्यक्त की, जिनके दरवाजे बंद नहीं हो पा रहे हैं। लोगों में आदमखोर गुलदार के आज़ाद घूमने से और अधिक दहशत फैल गई है।
🛠️ वन विभाग की कार्रवाई
रेंजर काली कुमाऊं राजेश जोशी ने बताया कि:
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यह दुर्भाग्य रहा कि गुलदार के पिंजरे के अंदर घुसने के बावजूद दरवाजा बंद नहीं हो पाया।
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आगे के प्रयास: गुलदार को जल्द से जल्द कैद करने के लिए उनके द्वारा पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। क्षेत्र में गश्त बढ़ाई गई है और तीन पिंजरे लगाए गए हैं।
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अपील: रेंजर जोशी ने गुलदार के पकड़े जाने तक लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है।
🏫 अन्य प्रभाव
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स्कूल समय में बदलाव: प्राप्त सूचना के अनुसार, इलाके के स्कूल बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर स्कूल टाइम को फिलहाल बढ़ा दिया गया है।
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जनता की मांग: जनता शासन-प्रशासन से जल्द से जल्द गुलदार को पकड़ने या आदमखोर घोषित कर गोली मारने की मांग कर रही है। वन विभाग ने एक बार फिर पिंजरे के माध्यम से गुलदार को ट्रैप करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।
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