हल्द्वानी: वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल प्रहलाद नारायण मीणा के नेतृत्व में पुलिस ने गौलापार में 11 वर्षीय बच्चे की सनसनीखेज हत्या का खुलासा कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की सटीक रणनीति और अथक प्रयासों के बाद इस जघन्य अपराध के आरोपी को सलाखों के पीछे पहुँचाया गया।
क्या है पूरा मामला?
4 अगस्त 2025 को खूबकरन मौर्य नामक व्यक्ति ने अपने 10 वर्षीय बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट काठगोदाम थाने में दर्ज कराई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी नैनीताल ने तुरंत तीन टीमें गठित कीं।
अगले ही दिन, 5 अगस्त को बच्चे का शव अभियुक्त मोहन चंद्र जोशी के बाड़े में एक प्लास्टिक के कट्टे के अंदर दबा हुआ मिला। शव का सिर और दाहिना हाथ गायब था, जिससे पुलिस के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई थी।
पुलिस की गहन जांच और खुलासा
पुलिस टीमों ने सीसीटीवी फुटेज, डॉग स्क्वॉड, ड्रोन और एफएसएल टीम की मदद से गहन जांच शुरू की। शुरुआत में, आरोपी निखिल जोशी (38), जो मोहन चंद्र जोशी का बेटा है, पुलिस को गुमराह करने के लिए घटना को तंत्र-मंत्र से जोड़ने का प्रयास करता रहा। उसकी मानसिक जटिलता को देखते हुए पुलिस ने मनोचिकित्सक डॉ. युवराज पंत की भी मदद ली।
आखिरकार, 9 अगस्त को गहन पूछताछ के बाद आरोपी निखिल जोशी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि उसने बच्चे की हत्या कर शव को बाड़े में दफना दिया था, जबकि सिर और दाहिने हाथ को गोठ में कबाड़ के नीचे गाड़ दिया था। आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने बच्चे की चप्पल, सिर और कटा हुआ दाहिना हाथ बरामद कर लिया।
आरोपी की गिरफ्तारी और अपराध का मकसद
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह बच्चे को गलत इरादे से अपने साथ ले गया था, और बच्चे द्वारा विरोध करने पर उसने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। वारदात को छिपाने के लिए उसने शव का सिर और हाथ काट डाले थे। पुलिस ने आरोपी निखिल जोशी को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
कुमाऊं आईजी ने पुलिस टीम को 5000 रुपये और एसएसपी नैनीताल ने 2500 रुपये का इनाम देकर पुरस्कृत करने की घोषणा की है।
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