हल्द्वानी: उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी में रेलवे भूमि अतिक्रमण से जुड़े बहुचर्चित मामले की सुनवाई अब कोर्ट में 10 दिसंबर को होगी। रेलवे की 29 एकड़ जमीन पर 500 से अधिक परिवार रह रहे हैं। कोर्ट की सुनवाई को देखते हुए हल्द्वानी पुलिस और जिला प्रशासन अलर्ट मोड में आ गए हैं और बनभूलपुरा क्षेत्र में चौकसी बढ़ा दी गई है।
🛡️ सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी
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तैनाती: बनभूलपुरा क्षेत्र में 400 से ज्यादा पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है।
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निगरानी: इलाके में ड्रोन से निगरानी की जा रही है।
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चेकिंग: बाहरी लोगों और वाहनों की स्क्रीनिंग के लिए जगह-जगह चेकिंग प्वाइंट बनाए गए हैं।
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अराजक तत्वों पर कार्रवाई: जिला प्रशासन ने अराजक तत्वों पर कार्रवाई तेज करते हुए 100 से अधिक कथित उपद्रवियों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
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पुलिस गश्त: पुलिस इलाके में लगातार गश्त कर रही है और असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जा रही है। उपद्रव या अफवाह फैलाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
📜 2007 से चल रहा है विवाद
बनभूलपुरा और गफूर बस्ती में रेलवे भूमि अतिक्रमण का विवाद 2007 में शुरू हुआ था, जब हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था।
| वर्ष | प्रमुख घटनाक्रम |
| 2007 | हाईकोर्ट ने पहली बार अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया। |
| 2016 | हाईकोर्ट ने रेलवे को दस हफ्तों में अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए। |
| 2017 | अतिक्रमणकारियों और राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के निर्देशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को हाईकोर्ट में अपने दावे पेश करने का निर्देश दिया। |
| मार्च 2022 | एक और जनहित याचिका दाखिल हुई, जिसमें रेलवे पर कार्रवाई न करने का आरोप लगा। |
| फरवरी 2024 | नगर निगम द्वारा अवैध मदरसा और नमाज स्थल ढहाने के बाद हिंसा भड़की। पथराव, आगजनी और हमले में 6 लोगों की मौत और 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे। |
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