हल्द्वानी: 10 लाख रुपये के लिए दोस्त ने की प्रॉपर्टी डीलर की हत्या, 3 आरोपी गिरफ्तार

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हल्द्वानी: रुद्रपुर मार्ग पर मिली एक अज्ञात लाश के मामले की गुत्थी को आखिरकार पुलिस ने सुलझा लिया है। इस मामले में पुलिस ने मृतक के ही तीन दोस्तों को गिरफ्तार किया है। चौंकाने वाली बात यह है कि 10 लाख रुपये के लेनदेन को लेकर दोस्तों ने ही अपने दोस्त, एक प्रॉपर्टी डीलर, को मौत के घाट उतार दिया था।


11 जून को मिला था शव, दो दिन बाद हुई शिनाख्त

हल्द्वानी एसपी सिटी प्रकाश चंद्र ने बताया कि बीती 11 जून को हल्द्वानी-रुद्रपुर मार्ग पर टांडा जंगल में एक अज्ञात शव मिला था। शव मिलने के दो दिन बाद उसकी शिनाख्त भोगेंद्र सिंह चौहान, निवासी गढ़गंगा, मुक्तेश्वर, जिला हापुड़ (उत्तर प्रदेश) के रूप में हुई। पुलिस की शुरुआती जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो गया कि यह एक हत्या का मामला है।

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उधार के पैसों के लिए रची गई थी साजिश

भोगेंद्र सिंह रुद्रपुर में रहकर प्रॉपर्टी डीलिंग और गाड़ी चलाने का काम करते थे। उनके बेटे करण चौहान ने अपने पिता के रूप में शव की शिनाख्त की, जिसके बाद करण की तहरीर पर हल्द्वानी कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।

पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी बालम सिंह बिष्ट, निवासी बिठौरिया (हल्द्वानी) को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि भोगेंद्र सिंह चौहान के साथ उसकी दोस्ती थी और वे दोनों मिलकर प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते थे। भोगेंद्र ने उसे करीब 10 लाख रुपये उधार दिए थे।

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पार्टी के दौरान पीट-पीटकर की हत्या

बालम सिंह ने पुलिस को बताया कि भोगेंद्र सिंह लगातार उससे पैसे वापस मांगने के लिए दबाव बना रहा था, जिससे तंग आकर उसने भोगेंद्र की हत्या की योजना बनाई। इस योजना में उसने अपने दो अन्य दोस्तों, हरीश सिंह नेगी और उमेश सिंह बोरा, निवासी हल्द्वानी, को भी शामिल किया।

योजना के तहत, बालम सिंह ने भोगेंद्र सिंह को फोन करके हल्द्वानी पैसा देने के लिए बुलाया। इसके बाद, वे तीनों उसे टांडा जंगल में ले गए जहाँ उन्होंने जमकर पार्टी की। पार्टी के दौरान ही बालम सिंह बिष्ट ने अपने दोस्त हरीश सिंह नेगी और उमेश सिंह बोरा के साथ मिलकर भोगेंद्र सिंह चौहान की डंडों से पीट-पीटकर हत्या कर दी।

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पुलिस ने पूरे मामले में तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। यह घटना दोस्ती और विश्वास के रिश्ते को तार-तार करती है और पैसों के लिए इंसान के हैवान बनने की एक और दुखद मिसाल पेश करती है।