राजू अनेजा, काशीपुर/ मुरादाबाद। एक दिल दहला देने वाली घटना ने मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पर हर किसी को झकझोर कर रख दिया। पटना-चंडीगढ़ एक्सप्रेस के एसी कोच में एक नवजात शिशु को बैग में बंद कर छोड़ दिया गया। ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों ने जब संदिग्ध बैग को देखा तो तुरंत रेलवे अधिकारियों को सूचना दी। बैग खोला गया तो उसमें से जिंदगी की डोर थामे एक नवजात मिला।
करीब 10 घंटे तक बैग में बंद रहने के कारण बच्चे के दिमाग में ऑक्सीजन की कमी हो गई है। नवजात को तुरंत मुरादाबाद महिला अस्पताल के एसएनसीयू (SNCU) में भर्ती कराया गया, जहां उसे सी-पैप मशीन के सहारे सांस दी जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि यदि उसे दो घंटे और देर से बाहर निकाला जाता, तो उसे बचाना मुश्किल हो जाता।
महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. निर्मला पाठक ने बताया कि बच्चे को हाइपॉक्सिया हो गया है और उसका रेस्पिरेटरी रेट सामान्य से कहीं अधिक है। फिलहाल बच्चा दूध नहीं पी रहा है, उसे ड्रिप और इंजेक्शन के जरिये दवाइयां दी जा रही हैं। हालांकि बच्चे का वजन सामान्य है और उसकी मूवमेंट अच्छी है, जिससे डॉक्टरों को उम्मीद है कि वह इस संकट से बाहर निकल आएगा।
इस मामले की जांच में जुटी आरपीएफ और जीआरपी की संयुक्त टीम को बैग से एक सिम कार्ड मिला है, जिसे एक महत्वपूर्ण सुराग माना जा रहा है। पुलिस तकनीकी सहायता से लोकेशन ट्रेस कर रही है और उस व्यक्ति की तलाश में जुटी है जिसने इस अमानवीय कृत्य को अंजाम दिया।
यह घटना न केवल कानून व्यवस्था के लिए एक चुनौती है, बल्कि समाज के उस पहलू को भी उजागर करती है, जहां एक मासूम को इस तरह बेसहारा छोड़ दिया जाता है।
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