हल्द्वानी: पुलिस की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। नैनीताल जिले के बनभूलपुरा थाने में एक दुष्कर्म पीड़िता ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता का कहना है कि आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी दी, लेकिन जब वह शिकायत लेकर थाने पहुँची तो पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने की बजाय उसे घंटों बंदीगृह में रखा। आखिरकार, न्यायालय के आदेश के बाद ही पुलिस ने केस दर्ज किया है।
क्या है पूरा मामला?
बनभूलपुरा निवासी एक युवती ने बताया कि उसके क्षेत्र में रहने वाले फरदीन नामक युवक ने उसके साथ दुष्कर्म किया था, जिसके बाद आरोपी जेल गया था। अब आरोपी जमानत पर बाहर आ चुका है और लगातार उसे धमका रहा है। पीड़िता के अनुसार, 19 मई को आरोपी ने बरेली रोड पर उसे घेरकर मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया और जान से मारने की धमकी भी दी।
अगले ही दिन, 20 मई को पीड़िता शिकायत लेकर बनभूलपुरा थाने पहुँची, जहाँ उसे जांच का आश्वासन देकर वापस भेज दिया गया, लेकिन कोई केस दर्ज नहीं किया गया।
पीड़िता ने लगाए पुलिस पर गंभीर आरोप
पीड़िता ने आरोप लगाया है कि 2 जून को जब वह अपनी माँ के साथ दोबारा थाने पहुँची, तो उसने थाने के बाहर एक सिपाही को आरोपी के पिता के साथ चाय की दुकान पर बैठे देखा। पीड़िता का कहना है कि उस सिपाही ने उस पर राजीनामा करने का दबाव बनाया। जब उसने थाने में शिकायत पत्र दिया तो उसे न्याय दिलाने के बजाय चोरों जैसा बर्ताव किया गया और थाने के पीछे बंदीगृह में कई घंटों तक रखा गया।
कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद दर्ज हुआ मुकदमा
पुलिस की लापरवाही से तंग आकर पीड़िता ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट के आदेश के बाद बनभूलपुरा पुलिस ने आखिरकार आरोपी फरदीन के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। बनभूलपुरा के थाना प्रभारी सुशील जोशी ने पुष्टि की है कि न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया है और आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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