अकेले में आ जाए हार्ट अटैक तो घबराएं नहीं, जानें कैसे खुद को दें ‘कफ सीपीआर’

खबर शेयर करें -

हाल ही में उत्तराखंड के पौड़ी, गढ़वाल में एक युवक की एक्सरसाइज करने के दौरान मौत हो गई। दरअसल, यह युवक सड़क के बीचों-बीच एक्सरसाइज कर रहा था और थककर सड़क के किनारे बने स्लैब पर बैठा, फिर अचानक नीचे गिर गया।

उसकी मौत का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है। जिस समय इस व्यक्ति को हार्ट अटैक आया वहां पर कोई भी मौजूद नहीं था। ऐसे में चलिए आज हम आपको दिखाते हैं एक ऐसा वीडियो जब कभी अगर अचानक से हार्ट अटैक आ जाए और मदद के लिए कोई ना हो, तो कैसे आप खुद को सीपीआर दे सकते हैं।

अकेले में हार्ट अटैक आ जाए तो क्या करें 

यह भी पढ़ें 👉  बसंत पंचमी 2026: सरस्वती पूजा की तिथि, शुभ मुहूर्त और विशेष मंत्र

इंस्टाग्राम पर professordrbrajpaltyagi नाम से बने पेज पर प्रोफेसर और डॉक्टर बृजपाल त्यागी ने एक वीडियो पोस्ट किया हैं। जिसमें उन्होंने गढ़वाल में हुई इस घटना का जिक्र करते हुए बताया कि अगर अकेले में हार्ट अटैक आ जाए तो कैसे आप कफ सीपीआर खुद को दे सकते हैं। जब आप अकेले हो और आपको कुछ ऐसा सिम्टम फील हो, जो कभी भी नहीं हुआ हो। यह अनयूजुअल सिंपटम्स हार्ट या ब्रेन से संबंधित होता है। ऐसे समय आप खून को पतला करने वाली दवाई ले सकते हैं या इसके साथ अपने मुंह को खोलकर जोर-जोर से खांसे। ऐसा करने से हार्ट अटैक के इफेक्ट को कम किया जा सकता है। आप ऐसा तब तक करते रहिए जब तक आसपास कोई मदद के लिए ना आ जाए।

यह भी पढ़ें 👉  काशीपुर को जाम में झोंकती अस्पतालों ओर शोरूम की अवैध पार्किंग, आरटीआई में हुआ खुलासा- NH-74 पर 98 अतिक्रमण

क्या होता है कफ सीपीआर 

कफ सीपीआर का मतलब होता है जब किसी को हार्ट अटैक का अनुभव हो और खुद को बेहोश होने से बचाने के लिए अगर वह जोर-जोर से खांसे या गहरी सांस लें। इस प्रोसेस को कफ CPR कहा जाता है। जब आपको अपने दिल की धड़कन अनियमित महसूस होने लगे, तो आप कफ सीपीआर कर सकते हैं। इसे तब तक करें जब तक कोई मेडिकल हेल्प आपको ना मिल जाए। इसके अलावा किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक के लक्षण नजर आ रहे हैं, तो वह सीधा लेट जाए, छाती के बीच में अपने दोनों हाथों से दबाव डालते हुए 30 सेकंड तक इस दबाएं।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड मौसम: मैदानी क्षेत्रों में घना कोहरा, शीत दिवस की स्थिति जारी - 3 दिन का येलो अलर्ट

कैसे काम करता है कफ सीपीआर 

जब आप गहरी सांस लेते हैं या खांसते हैं, तो आपके फेफड़ों में ऑक्सीजन जाती है। जब छाती पर दबाव बनता है, तो दिल को थोड़ी देर के लिए पंप करने में मदद मिलती है। इससे थोड़ी देर के लिए ब्लड फ्लो चालू रहता है और व्यक्ति को मेडिकल हेल्प मिलने तक थोड़ा समय मिल जाता है।