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कांवड़ यात्रा 2025: मुख्यमंत्री धामी ने सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर दिए कड़े निर्देश

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देहरादून: उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले ही यात्रा मार्ग पर हुई तोड़फोड़ और उपद्रव की घटनाओं को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बेहद गंभीरता से लिया है। उन्होंने अधिकारियों को आगामी कांवड़ मेला की तैयारियों के संबंध में कड़े निर्देश जारी किए हैं, ताकि इस विशाल धार्मिक आयोजन को सुरक्षित और सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न किया जा सके।


 

सुरक्षा और नियम प्रवर्तन पर विशेष जोर

 

मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए:

  • लाठी, डंडा व नुकीली वस्तुओं पर रोक: कांवड़ियों को लाठी, डंडा और नुकीली वस्तुएं ले जाने से रोकने के लिए एक व्यापक प्रचार अभियान चलाया जाएगा।
  • मादक पदार्थों पर प्रतिबंध: यात्रा मार्ग पर मादक पदार्थों, शराब और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
  • सत्यापन अभियान: यात्रा मार्ग पर शिविर संचालकों, कार्यरत व्यक्तियों, स्वयंसेवकों और होटल व धर्मशालाओं में ठहरने वाले व्यक्तियों का पूर्ण सत्यापन कराया जाएगा।
  • आतंकवादी खतरों से निपटने की तैयारी: आतंकवादी खतरों के मद्देनजर एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड) और विशेष सुरक्षा बलों की तैनाती सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

 

भीड़ नियंत्रण और निगरानी व्यवस्था

 

मंगलवार को नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस धार्मिक आयोजन में किसी भी प्रकार की अवांछनीय घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और सुरक्षा इंतजाम किए जाएँ।

  • सभी प्रमुख स्थलों पर एक्स-रे सिस्टम, अग्निशमन यंत्र, फायर टेंडर एवं कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित की जाए।
  • भीड़ प्रबंधन में स्वयंसेवकों की मदद ली जाए।
  • सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन से निरंतर निगरानी की जाए और अभिसूचना तंत्र (इंटेलिजेंस नेटवर्क) को सक्रिय रखा जाए।

 

स्वास्थ्य, आपदा और यातायात प्रबंधन

 

मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन को लेकर भी महत्वपूर्ण निर्देश दिए:

  • हरिद्वार के घाटों, नीलकंठ महादेव मंदिर और अन्य प्रमुख स्थलों पर एम्बुलेंस व बैकअप की व्यवस्था की जाए।
  • सादे वस्त्रों में महिला व पुरुष सुरक्षाकर्मियों की पर्याप्त तैनाती हो।
  • आपदा राहत उपकरणों से युक्त गोताखोर व जल पुलिस को अलर्ट मोड पर रखा जाए।
  • यात्रा मार्गों पर तेज ध्वनि विस्तारक यंत्रों, डीजे व लाउडस्पीकर का नियमों के अनुसार उपयोग कराया जाए।
  • कांवड़ यात्रियों को “क्या करें और क्या न करें” की जानकारी विभिन्न माध्यमों से दी जाए।

 

महिला कांवड़ियों की सुरक्षा और अंतरराज्यीय समन्वय

 

महिला कांवड़ियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उनकी सुरक्षा के लिए महिला घाटों व धर्मशालाओं में विशेष प्रबंध किए जाएँगे। अंतरराज्यीय समन्वय बढ़ाकर सूचनाओं का तत्काल आदान-प्रदान करने पर भी जोर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने इंटरनेट मीडिया पर निगरानी रखते हुए अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई करने और संबंधित पोस्ट का तत्काल खंडन करने के भी निर्देश दिए।

बैठक में सचिव गृह शैलेश बगौली, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।


इस वर्ष की कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण और सुरक्षित बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार पूरी तरह से तैयार दिख रही है।

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