लालकुआं के वरिष्ठ समाजसेवी और ट्रांसपोर्टर आनंद बल्लभ लोहनी का निधन

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लालकुआं: नगर के वरिष्ठ समाजसेवी और प्रसिद्ध ट्रांसपोर्टर आनंद बल्लभ लोहनी का 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। वे पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे और देर रात हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है, और इसे सांस्कृतिक जगत के लिए एक अपूर्णीय क्षति माना जा रहा है। उनके परिवार में कोहराम मचा हुआ है।


 

पर्वतीय संस्कृति के ध्वजवाहक

 

स्वर्गीय आनंद बल्लभ लोहनी पर्वतीय संस्कृति के ध्वजवाहक के रूप में प्रसिद्ध थे। उन्होंने लालकुआं के सांस्कृतिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। पिछले 55 वर्षों से वे नगर क्षेत्र में खड़ी एवं बैठकी होली का आयोजन करते आ रहे थे, जिसके लिए उन्हें सदैव याद किया जाएगा।

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आध्यात्मिक और आदर्श जीवन

 

स्वर्गीय लोहनी आध्यात्मिक विचारधारा के धनी थे और उन्हें सादगी पूर्वक जीवन जीना बेहद पसंद था। उन्हें क्षेत्र में ‘गुरु जी’ के नाम से जाना जाता था। सत्य के पथ पर चलकर ईमानदारी से जीवन जीने वाले स्वर्गीय लोहनी एक बेहतर आदर्श की मिसाल थे।

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भरा-पूरा परिवार

 

वे अपने पीछे तीन पुत्र, एक पुत्री, नाती-पोतों सहित भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनके बड़े पुत्र समाजसेवी भगवत लोहनी, किराना व्यापारी प्रेम लोहनी और प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के महामंत्री दिनेश लोहनी भी सामाजिक क्षेत्र में बेहद सक्रिय हैं। उनके एक पुत्र, कीर्ति लोहनी, जो क्षेत्र के दिग्गज सामाजिक कार्यकर्ता थे, का कुछ वर्ष पूर्व पथरी के ऑपरेशन बिगड़ने के कारण निधन हो गया था।

तमाम समाजसेवी, राजनीतिक संगठन और आध्यात्मिक क्षेत्र के लोगों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है। स्वर्गीय लोहनी की अंतिम यात्रा आज सुबह 8:30 बजे निकाली जाएगी और उनका अंतिम संस्कार चित्रशिला घाट, रानीबाग में किया जाएगा।

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क्या आपको लगता है कि ऐसे समाजसेवी व्यक्तियों का निधन समाज के लिए एक बड़ी क्षति होती है?