चमत्कारी पुनर्मिलन: केदारनाथ त्रासदी (2013) में ‘मृत’ घोषित शख्स 12 साल बाद महाराष्ट्र में जिंदा मिला

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रुड़की (उत्तराखंड) / संभाजीनगर (महाराष्ट्र): उत्तराखंड के रुड़की निवासी शिवम, जिन्हें 2013 की केदारनाथ बाढ़ त्रासदी में लापता होने के बाद उनके परिवार ने ‘मृत’ मानकर प्रतीकात्मक अंतिम संस्कार कर दिया था, वह 12 साल बाद महाराष्ट्र के संभाजीनगर में जिंदा पाए गए हैं। ‘डिसऑर्गेनाइज्ड सिज़ोफ्रेनिया’ से जूझ रहे 55 वर्षीय शिवम शुक्रवार, 5 नवंबर को आखिरकार अपने भाई से मिल पाए।


🌊 2013 की आपदा और ‘मौत’

  • घटना: 2013 में केदारनाथ में आई भीषण बाढ़ में हजारों लोग मारे गए या लापता हो गए थे, जिनमें शिवम भी शामिल थे।

  • परिवार का फैसला: कई दिनों तक कोई सुराग न मिलने पर परिवार ने हार मान ली थी और उन्हें ‘मरा हुआ’ मानकर उनका प्रतीकात्मक अंतिम संस्कार कर दिया था।

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🔍 महाराष्ट्र में जिंदा मिले

  • संभाजीनगर में उपस्थिति: शिवम सैकड़ों किलोमीटर दूर महाराष्ट्र के संभाजीनगर पहुँचे, लेकिन उन्हें याद नहीं कि वह वहाँ तक कैसे पहुँचे।

  • चोरी का मामला: 2021 में, जिस मंदिर में शिवम रुके हुए थे, वहाँ चोरी होने पर लुटेरों ने उनका नाम भी मामले में घसीट लिया।

  • मेंटल हॉस्पिटल: अदालत में पेशी के दौरान जज ने उन्हें ‘डिसआर्गेनाइज्ड सिज़ोफ्रेनिया’ (Disorganized Schizophrenia) के कारण पुणे के रीजनल मेंटल हॉस्पिटल (RMH) में भेजने का आदेश दिया।

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🧩 रुड़की का सुराग

RMH में उनकी पहचान स्थापित करना बेहद मुश्किल था, क्योंकि वे पहाड़ी बोली बोलते थे और पोलियो के कारण चलने में उन्हें दिक्कत थी।

  • महत्वपूर्ण जानकारी: RMH की समाज सेवा अधीक्षक रोहिणी भोसले के अनुसार, 2023 में एक दिन शिवम ने अचानक रुड़की स्थित अपने स्कूल, ‘प्रेम विद्यालय’ का नाम बताया।

  • पहचान की पुष्टि: भोसले ने तुरंत हरिद्वार जिले के रुड़की थाने से संपर्क किया, जिससे शिवम के रिश्तेदारों और उनकी पढ़ाई की जानकारी मिल गई।

  • बीमारी: शिवम ‘अव्यवस्थित सिज़ोफ्रेनिया’ से जूझ रहे हैं, जो सोचने, बोलने और रोज़मर्रा के कामों को अव्यवस्थित कर देता है।

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अदालत ने बाद में साफ कर दिया कि शिवम का चोरी के मामले से कोई संबंध नहीं है और RMH ने उन्हें छुट्टी दे दी। 12 साल बाद, शिवम का अपने परिवार से पुनर्मिलन हो सका है, हालांकि परिवार फिलहाल इस संवेदनशील मामले पर बात नहीं करना चाहता।