देहरादून: उत्तराखंड में ‘विकसित राज्य और विकसित राष्ट्र’ के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक नई पहल शुरू की गई है। राज्य के 40 वरिष्ठ IAS अधिकारियों ने अपने पहले कार्यस्थल (पहली पोस्टिंग) को गोद लिया है, ताकि उन क्षेत्रों के समग्र विकास में योगदान दिया जा सके।
यह कदम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अपील के बाद उठाया गया है, जिसमें उन्होंने अधिकारियों से अनुरोध किया था कि वे अपनी शुरुआती पोस्टिंग की जगह को अपनाएँ और वहाँ के विकास के लिए काम करें।
मुख्य सचिव ने जारी किया आधिकारिक आदेश
मुख्यमंत्री की अपील के बाद, मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने इस संबंध में एक आधिकारिक आदेश जारी किया है। इस आदेश में अधिकारियों से पिछले वर्षों में उनके पहले कार्यक्षेत्र में हुए सामाजिक और आर्थिक विकास का मूल्यांकन करने को कहा गया है। इसके साथ ही यह भी सुझाव दिया गया है कि CSR (कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड या अन्य संसाधनों के ज़रिए गाँवों के विकास में किस तरह तेज़ी लाई जा सकती है। उन्हें यह भी निर्देशित किया गया है कि वे जिला योजना, राज्य सेक्टर और वित्त आयोग से प्राप्त निधियों के प्रभावी उपयोग के लिए एक ठोस कार्ययोजना तैयार करें।
गाँवों में रात्रि प्रवास कर रहे अधिकारी
इस अभियान के तहत कई अधिकारी अब अपने गोद लिए गए गाँवों में रात्रि प्रवास कर वहाँ की स्थिति का प्रत्यक्ष अनुभव ले रहे हैं। वे स्थानीय लोगों से संवाद कर ग्रामीण जीवन, चुनौतियों और ज़रूरतों को करीब से समझने का अवसर प्राप्त कर रहे हैं। इस प्रयास में अधिकारियों को स्थानीय जनप्रतिनिधियों और स्वयंसेवी संगठनों का सहयोग भी मिल रहा है।
यह भी बताया गया है कि आगामी समय में राज्य सरकार इन कार्ययोजनाओं के आधार पर ग्राम विकास के लिए एक व्यापक अभियान शुरू करेगी। यह पहल उत्तराखंड के समावेशी विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
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