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दीपेंद्र के जन्मदिन पर कोश्यारी की लालकुआ में जोरदार खैरकदम,समरसता सम्मेलन के बहाने साधा राजनीतिक समीकरण, दावेदारों की उड़ी नींद

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राजू अनेजा, लालकुआं।भले ही आगामी विधानसभा चुनावों में अभी समय बाकी है, लेकिन लालकुआं की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने अपने भतीजे व वरिष्ठ युवा भाजपा नेता दीपेंद्र सिंह कोश्यारी के जन्मदिन पर आयोजित भव्य सामाजिक समरसता सहभोज कार्यक्रम में जिस तरह से खेरकदम की, उससे सियासी तापमान अचानक बढ़ गया है।

लालकुआं विधानसभा, जो हमेशा से ‘हॉट सीट’ मानी जाती रही है, पर कोश्यारी परिवार की यह ताक़तवर मौजूदगी बाकी दावेदारों को चौंका गई। कार्यक्रम की भव्यता और भीड़ देखकर विपक्ष ही नहीं बल्कि सत्तारूढ़ खेमे के दावेदार भी सकते में दिखाई दिए। वहीं, मौजूदा विधायक समेत कई अन्य दावेदारों ने इस आयोजन से दूरी बनाकर राजनीतिक हलकों में नई चर्चाओं को हवा दे दी है।

गोला पार में ‘सामाजिक समरसता सहभोज’

गोला पार क्षेत्र में आयोजित सामाजिक समरसता भोज में पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने अपने अंदाज़ में भतीजे दीपेंद्र कोश्यारी का परिचय लोगों से कराया। उन्होंने इशारों-इशारों में न केवल भतीजे के उज्ज्वल भविष्य की झलक दिखाई बल्कि यह भी साफ कर दिया कि आगामी विधानसभा चुनाव में कोश्यारी परिवार मैदान में मजबूती से उतरेगा।

 लालकुआं से रुद्रपुर तक जश्न का माहौल

दीपेंद्र कोश्यारी के जन्मदिन पर सिर्फ लालकुआं ही नहीं, बल्कि रुद्रपुर विधानसभा में भी कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। सुबह से देर रात तक शुभकामनाएं देने वालों का तांता लगा रहा। पार्टी कार्यकर्ताओं से लेकर आम जनता तक ने बढ़-चढ़कर इस आयोजन में भाग लिया।

दूध उत्पादकों की गोष्ठी भी रही चर्चा में

इधर, दुग्ध संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा द्वारा आयोजित गोष्ठी ने भी माहौल को और गर्मा दिया। इस मौके पर स्थानीय दुग्ध उत्पादकों को सम्मानित किया गया और उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना गया। कार्यक्रम में साफ संदेश दिया गया कि स्वच्छता और गुणवत्ता पर ध्यान देकर दुग्ध व्यवसाय को नई दिशा दी जाएगी।
इस गोष्ठी में दीपेंद्र कोश्यारी की मौजूदगी ने इसे और भी अहम बना दिया। उन्होंने साफ कहा कि दूध उत्पादकों की मेहनत सिर्फ रोज़गार ही नहीं, बल्कि समाज की रीढ़ है। उनके इस वक्तव्य को किसानों और ग्रामीणों ने तालियों से सराहा।


इन दिग्गजों की रही उपस्थिति

कार्यक्रम में माननीय भगत सिंह कोश्यारी (पूर्व मुख्यमंत्री/राज्यपाल) की गरिमामयी के साथ ही
मुख्य अतिथि के रूप में महिला, बाल विकास, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता मामले, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्रीमती रेखा आर्य,
भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमती दीप्ति रावत भारद्वाज तथा हल्द्वानी के मेयर गजराज बिष्ट ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

इस आयोजन का उद्देश्य सामाजिक एकता, भाईचारा और उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को मज़बूत करना रहा। साथ ही नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने सक्रिय भागीदारी की।
इस सफल आयोजन के लिए श्री ललित कुमार आर्य और पूरी आयोजन समिति की भूमिका की सभी ने सराहना की।


दावेदारों में खलबली, कार्यक्रम से बनाई दूरी

दोनों आयोजनों—जन्मदिन समारोह और दुग्ध उत्पादकों की गोष्ठी—में जिस तरह से भीड़ जुटी और सियासी संदेश दिए गए, उससे भाजपा खेमे के भीतर खलबली मच गई है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि भगत सिंह कोश्यारी का यह कदम सीधे तौर पर संगठन और मतदाताओं को यह संदेश देने के लिए था कि आने वाले चुनावों में परिवार की सक्रिय भूमिका होगी।इधर भव्य कार्यक्रम मौजूदा विधायक सहित पार्टी के ही  कई दावेदारों की गैरमौजूदगी ने अटकलों को और बल दिया है।


जनता में उत्साह, नेताओं में सियासी गणित

लालकुआं की जनता ने इन आयोजनों को केवल सामाजिक या व्यक्तिगत नहीं, बल्कि चुनावी शंखनाद के रूप में देखा। समर्थकों का कहना था कि दीपेंद्र कोश्यारी ने बीते कुछ सालों में जिस तरह से जनता और किसानों के बीच सक्रियता दिखाई है, उससे यह साफ है कि उन्हें आगे बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।

लालकुआं की राजनीति में यह पहला मौका है जब एक जन्मदिन समारोह और दुग्ध उत्पादकों की गोष्ठी ने विधानसभा चुनाव की तस्वीर को इस कदर प्रभावित कर दिया है। अब देखना होगा कि भाजपा संगठन इस नई सियासी हवा को किस तरह साधता है और बाकी दावेदार कौन-सी रणनीति अपनाते हैं।

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