उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समाज कल्याण विभाग द्वारा आयोजित पेंशन किश्त वितरण कार्यक्रम में लाभार्थियों के हित में कई कड़े निर्देश दिए। सीएम ने सख्त लहजे में कहा कि अब समाज कल्याण विभाग के तहत दी जाने वाली सभी पेंशन राशि हर महीने की 5 तारीख तक अनिवार्य रूप से लाभार्थियों के बैंक खातों में पहुंचाई जाए।
📅 पेंशन भुगतान में सख्ती
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भुगतान की समय सीमा: सभी पेंशन राशि (वृद्धावस्था, विधवा, दिव्यांग, किसान आदि) हर महीने की 5 तारीख तक अनिवार्य रूप से लाभार्थियों के बैंक खातों में पहुंचाई जाए।
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सख्त चेतावनी: मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पेंशन भुगतान में किसी भी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, ताकि वृद्धजनों, दिव्यांगजनों, विधवाओं, किसानों या कमजोर वर्ग को आर्थिक परेशानियों का सामना न करना पड़े।
💰 किश्त वितरण और लाभार्थी
सीएम धामी ने कार्यक्रम के दौरान नवंबर महीने की किश्त का भुगतान किया:
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कुल राशि: ₹13982.92 लाख
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कुल लाभार्थी: 9,38,999
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भुगतान विधि: DBT (सीधे खाते में)
📊 सुशासन और पारदर्शिता के लिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने विभाग को पेंशन योजनाओं की पूरी प्रणाली को अधिक सरल, तेज़, समयबद्ध और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।
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आंतरिक ऑडिट (Internal Audit): सभी विभागीय अधिकारियों को पेंशन योजनाओं का नियमित आंतरिक ऑडिट करने का निर्देश दिया गया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि लाभ केवल पात्र व्यक्ति तक ही पहुँचे और किसी भी अयोग्य व्यक्ति को सहायता न मिले।
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योजनाओं का एकीकरण: समान प्रकृति वाली सभी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को इंटीग्रेशन के जरिए एकीकृत किया जाए, जिससे डुप्लीकेसी समाप्त हो और लाभ तेज़ी से सही व्यक्ति तक पहुँचे।
🎁 सरकारी कार्यक्रमों में स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता
सीएम धामी ने एक नई प्रशासनिक परंपरा स्थापित करने का भी निर्देश दिया:
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स्थानीय उत्पाद: राज्य के सभी सरकारी समारोहों और कार्यक्रमों में स्थानीय उत्पादों को पूरी तरह से प्राथमिकता दी जाए।
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स्मृति-चिह्न: किसी भी तरह के स्मृति-चिह्न, उपहार या सम्मान सामग्री में उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों का ही उपयोग किया जाए।
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बुके की जगह बुक: उन्होंने बुके की जगह बुक देने की नई परंपरा को आगे बढ़ाने को कहा, इसे समय, धन और संसाधन बचत वाला पहल बताया।
पेंशन योजनाएं: समाज कल्याण विभाग की ओर से वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, किसान पेंशन, परित्यक्ता पेंशन, भरण-पोषण अनुदान, तीर्थ पुरोहित पेंशन और बौना पेंशन दी जा रही है। इन सभी योजनाओं के लिए हर साल ₹13982.92 लाख की राशि का प्रावधान किया गया है।
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