उत्तराखंड: मतदाता सूची को पारदर्शी बनाने के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की तैयारी शुरू

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देहरादून: उत्तराखंड में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की दिशा में तैयारियां तेज हो गई हैं। निर्वाचन आयोग ने प्री-SIR फेज की गतिविधियाँ शुरू कर दी हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी, सटीक और अद्यतन बनाना है।


🚶 बीएलओ द्वारा घर-घर सत्यापन

मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने प्रेसवार्ता में बताया कि आयोग का उद्देश्य है कि कोई भी पात्र मतदाता सूची से छूटने न पाए और हर घर तक पहुँच सुनिश्चित की जाए।

  • कार्य: इस चरण में बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) रोज़ाना 30 घरों तक पहुँचकर मतदाताओं का सत्यापन और मैपिंग का काम करेंगे।

  • इतिहास: उत्तराखंड में अंतिम बार SIR वर्ष 2003 में आयोजित हुआ था।

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🗺️ प्री-SIR फेज में विस्तृत मैपिंग

इस चरण में पहली बार मतदाता सूची की विस्तृत मैपिंग की जा रही है, जो 2003 की मतदाता सूची के रिकॉर्ड पर आधारित है:

मतदाता की श्रेणी मैपिंग का तरीका
40 वर्ष तक की आयु ऐसे मतदाता जिनका नाम 2003 की मतदाता सूची में था, उन्हें सीधे BLO ऐप के माध्यम से मैप किया जाएगा।
40 वर्ष से अधिक की आयु ऐसे लोग जिनका नाम 2003 की सूची में नहीं है, उनकी मैपिंग माता-पिता या दादा-दादी के आधार पर ‘प्रोजनी’ कैटेगरी में की जाएगी।
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जानकारी: 2003 की मतदाता सूची आयोग की आधिकारिक वेबसाइटों पर उपलब्ध है, ताकि नागरिक स्वयं भी अपने पुराने रिकॉर्ड देख सकें।

🤝 राजनीतिक दलों से अपील

  • BLA की आवश्यकता: प्रदेश में कुल 11,733 बूथ हैं, जबकि वर्तमान में केवल 4,155 बूथ लेवल एजेंट (BLA) ही नियुक्त किए गए हैं।

  • अपील: मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से अपील की कि वे जल्द से जल्द अपने BLAs नियुक्त करें, क्योंकि SIR प्रक्रिया में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होती है।

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📞 हेल्प डेस्क की स्थापना

सभी जिलाधिकारियों, EROs और BLOs को निर्देश दिए गए हैं कि वे मतदाताओं के बीच अपनी पहुँच बढ़ाएँ। इसके अलावा, हर जिले और ERO कार्यालय में एक हेल्प डेस्क बनाया जा रहा है, ताकि मतदाताओं को सत्यापन, नाम जोड़ने या त्रुटि के समाधान में तुरंत सहायता मिल सके।