भारत में बड़े बैंकिंग सुधार की तैयारी: कई छोटे सरकारी बैंकों का मेगा विलय संभव
भारत सरकार देश के बैंकिंग सेक्टर को मजबूत करने और उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने हेतु बड़े बैंकिंग सुधार की ओर बढ़ रही है। बैंकों की वित्तीय स्थिति मजबूत करने, घाटे को संतुलित करने और एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) को कम करने के लिए कई छोटे सरकारी बैंकों के विलय की तैयारी की जा रही है।
📝 विलय का प्रस्ताव
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उद्देश्य: ऐसे बैंक बनाना जो अधिक मजबूत, स्थिर और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हों, साथ ही बैंकों को पूंजीगत तौर पर मजबूत करना।
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प्रक्रिया: वित्त मंत्रालय की ओर से मेगा बैंक मर्जर का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसे जल्द ही कैबिनेट के सामने रखा जाएगा। हर पहलू की समीक्षा के बाद ही अंतिम फैसला लिया जाएगा।
🎯 विलय के लिए संभावित बैंक
माना जा रहा है कि केंद्र सरकार छोटे सरकारी बैंकों का विलय कर सकती है। इस सूची में निम्नलिखित बैंकों के नाम शामिल हैं:
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इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB)
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सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (CBI)
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बैंक ऑफ इंडिया (BOI)
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बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BOM)
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यूको बैंक (UCO Bank)
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पंजाब एंड सिंध बैंक (Punjab and Sind)
इसके अलावा, यूनियन बैंक और बैंक ऑफ इंडिया के विलय की भी तैयारी चल रही है। अगर यह विलय होता है तो यह देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बन सकता है।
📊 विलय का संभावित असर
इन बैंकों के विलय से लगभग करोड़ों खाताधारकों और 2,29,800 कर्मचारियों पर असर पड़ेगा:
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शाखाएँ बंद होना: विलय से हजारों बैंक शाखाओं को बंद किया जा सकता है।
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कर्मचारी पर असर: कर्मचारियों की नौकरी न जाने के सरकारी दावे के बावजूद, शाखाएं बंद होने से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे प्रमोशन और सैलरी बढ़ोतरी पर असर हो सकता है।
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ट्रांसफर: कर्मचारियों को ट्रांसफर का दर्द झेलना पड़ सकता है।
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रोजगार: बैंकिंग सेक्टर में नई नौकरियों के विकल्प कम हो जाएंगे।
💬 एसबीआई चेयरमैन का समर्थन
बैंकों के विलय पर एसबीआई के चेयरमैन चल्ला श्रीनिवासुलु सेट्टी ने समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि कुछ और बैंकों का एकीकरण समझदारी भरा हो सकता है, क्योंकि अभी भी कुछ छोटे बैंक बड़े पैमाने पर काम नहीं कर पा रहे हैं।
📜 पूर्व में हुए प्रमुख बैंक विलय
सरकारी बैंकों का विलय पहली बार नहीं हो रहा है। इससे पहले भी कई बार विलय हो चुके हैं। साल 2019 में मेगा बैंक कॉनसॉलिडेशन योजना के तहत बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह गई थी।
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साल 2017: देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में 6 बैंकों (भारतीय महिला बैंक, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर) का विलय किया गया।
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अप्रैल 2019: विजया बैंक और देना बैंक को बैंक ऑफ बड़ौदा में मर्ज किया गया।
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अगस्त 2019: ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को PNB में मर्ज किया गया।
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अगस्त 2019: आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में तथा इलाहाबाद बैंक को इंडियन बैंक में मर्ज किया गया।
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