देहरादून: उत्तराखंड में एक बड़ा प्रशासनिक और नामकरण बदलाव किया गया है। राज्य सरकार ने ‘राजभवन’ का नाम बदलकर अब ‘लोक भवन’ कर दिया है। इसके तहत देहरादून और नैनीताल में मौजूद ‘राजभवन’ अब आधिकारिक रूप से ‘लोक भवन’ के नाम से जाने जाएंगे।
📰 नाम बदलने की प्रक्रिया
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आदेश: 25 नवंबर 2025 को जारी गृह मंत्रालय, भारत सरकार के पत्र संख्या के तहत।
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स्वीकृति: उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह की स्वीकृति के बाद।
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अधिसूचना: राज्यपाल सचिव रविनाथ रमन की ओर से आधिकारिक अधिसूचना जारी की गई है।
अब राजभवन उत्तराखंड को अब से लोकभवन उत्तराखंड कहा जाएगा।
📍 देहरादून लोक भवन (पूर्व राजभवन)
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स्थापना: 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड (तब उत्तरांचल) के गठन के बाद।
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अस्थायी: शुरुआत में देहरादून के न्यू कैंट रोड स्थित बीजापुर हाउस में अस्थायी रूप से स्थापित किया गया था।
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वर्तमान भवन: बाद में सर्किट हाउस देहरादून को राजभवन में बदला गया।
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पहले आवासी: उत्तराखंड के पहले राज्यपाल सुरजीत सिंह बरनाला 25 दिसंबर 2000 को इसके पहले आवासी बने थे।
🏰 नैनीताल लोक भवन (पूर्व राजभवन)
नैनीताल में स्थापित ब्रिटिश कालीन यह भवन हाल ही में 125 साल पूरे कर चुका है और 126वें साल में प्रवेश किया है।
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इतिहास:
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नींव: 27 अप्रैल 1897 को रखी गई।
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निर्माण पूर्ण: मार्च 1900 में बनकर तैयार हुआ।
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शैली: पश्चिमी गौथिक शैली में बना यह भवन अंग्रेजी के ‘E’ आकार का है। ब्रिटिश गवर्नर सर एंटनी पैट्रिक मैकडोनाल्ड ने इसे तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी।
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ब्रिटिश काल में महत्व: नैनीताल ब्रिटिश काल में अवध की ग्रीष्मकालीन राजधानी थी।
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गोल्फ कोर्स: ब्रिटिश शासकों ने साल 1925 में राजभवन क्षेत्र के करीब 75 एकड़ भूमि पर एशिया का सबसे ऊँचा और देश का सबसे बेहतरीन गोल्फ कोर्स बनाया था।
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आम जनता के लिए: यह ऐतिहासिक भवन लंबे समय तक पर्यटकों के प्रवेश के लिए प्रतिबंधित था, लेकिन साल 1994 में इसे स्थानीय लोगों और पर्यटकों के दीदार के लिए खोल दिया गया।
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