उत्तराखंड सरकार ने बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए राज्यभर में अवैध, असुरक्षित और निम्न गुणवत्ता वाली कफ सिरप दवाओं के खिलाफ सघन छापेमारी अभियान शुरू कर दिया है। खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FDA) टीम ने बुधवार को देहरादून सहित पूरे प्रदेश में बड़े पैमाने पर कार्रवाई की।
कार्रवाई का व्यापक स्तर
- जांच के लिए नमूने: अब तक राज्यभर से कुल 170 नमूने गुणवत्ता विश्लेषण के लिए राज्य औषधि विश्लेषणशाला भेजे गए हैं।
- लाइसेंस निरस्त: अकेले देहरादून में 7 मेडिकल स्टोर के लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिए गए हैं।
- स्टॉक सीज: दर्जनों प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी किया गया है और कई स्थानों पर संदिग्ध स्टॉक जब्त कर सीलिंग की कार्रवाई की गई है।
जिलावार महत्वपूर्ण कार्रवाईयाँ
जिला/क्षेत्र | कार्रवाई का विवरण |
देहरादून | चकराता रोड, किशननगर और प्रेमनगर सहित कई क्षेत्रों में औचक निरीक्षण किया गया। 11 सिरप के नमूने लिए गए और 7 मेडिकल स्टोर के लाइसेंस निरस्त किए गए। |
ऊधम सिंह नगर | डेक्सट्रोमेथोर्फन, क्लोरफेनिरामाइन मैलिएट और फिनाइलेफेरिन हाइड्रोक्लोराइड युक्त 10 और पीडियाट्रिक कफ सिरप के नमूने लिए गए। जिले से कुल 40 नमूने जांच हेतु भेजे गए हैं। |
हरिद्वार | रुड़की के एयरन हॉस्पिटल और विनय विशाल हॉस्पिटल सहित मेट्रो हॉस्पिटल से कुल 15 कफ सिरप के नमूने लिए गए। जिले से अब तक कुल 39 नमूने जांच हेतु लिए जा चुके हैं। |
हल्द्वानी (नैनीताल) | सरकारी सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल की ड्रग स्टोर से भी तीन कफ सिरप के नमूने जांच के लिए लिए गए हैं। |
पौड़ी (कोटद्वार) व अल्मोड़ा | पौड़ी में जानलेवा घोषित ‘रेस्पिफ्रेश टीआर’ कफ सिरप का स्टॉक सीज किया गया। अल्मोड़ा के चौखुटिया और चांदीखेत में भी रेस्पिफ्रेश टीआर सिरप की 12 बोतलें जब्त की गईं। |
उत्तरकाशी | औषधि निरीक्षक ने सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को चार सिरप (डेक्सट्रोमेथॉर्फ़न हाइड्रोब्रोमाइड सिरप, कोल्ड्रिफ, रेस्पिफ्रेश और रीलाइफ) को न रखने और न बेचने की सख्त चेतावनी दी। |
सरकार और स्वास्थ्य विभाग की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि दवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा पर किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कार्रवाई बच्चों के जीवन की सुरक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने जनता से अपील की है कि बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी सिरप या दवा बच्चों को न दें और विभाग यह सुनिश्चित कर रहा है कि केवल प्रमाणित और सुरक्षित औषधियां ही जनता तक पहुंचें।



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