उत्तराखंड में कफ सिरप पर सख्ती: पिथौरागढ़ में FDA ने मेडिकल स्टोर्स और CMDS से लिए सैंपल
मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत की खबरों के बाद, उत्तराखंड सरकार ने राज्य में प्रतिबंधित कफ सिरप की बिक्री और गुणवत्ता को लेकर सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सीधे निर्देश पर, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FDA) विभाग ने सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में बड़ा छापेमारी अभियान चलाया है।
छापेमारी और नमूना संग्रह
FDA के आयुक्त एवं अपर आयुक्त के आदेशों के अनुपालन में, औषधि निरीक्षक पंकज पंत के नेतृत्व में यह विशेष अभियान चलाया गया।
- कार्रवाई स्थल: पिथौरागढ़ के मेडिकल स्टोर्स और सीएमएसडी (केंद्रीय चिकित्सा सामग्री डिपो)।
- संग्रहित नमूने: कुल छह कफ सिरप के नमूने जब्त किए गए—तीन मेडिकल स्टोरों से और तीन सीएमएसडी से।
- गुणवत्ता जाँच: इन सभी नमूनों को तुरंत राज्य औषधि विश्लेषणशाला भेजा जाएगा।
FDA विभाग ने स्पष्ट किया है कि लैब रिपोर्ट आने के बाद औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के तहत नियमानुसार और सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बिक्री के लिए सख्त चेतावनी
औषधि निरीक्षक पंकज पंत ने मेडिकल स्टोर संचालकों को सख्त चेतावनी जारी की है:
- 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों को डॉक्टर के परामर्श (प्रिस्क्रिप्शन) के बिना खांसी की दवा बिल्कुल न बेचें।
- 2 साल से कम आयु के बच्चों को खांसी की दवा किसी भी परिस्थिति में नहीं दी जानी चाहिए।
- पंकज पंत ने बताया कि जिले में यह जाँच और छापेमारी की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी, ताकि बच्चों को केवल सुरक्षित और मानक गुणवत्ता की दवाइयाँ ही मिलें।
मुख्यमंत्री की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पूरे मामले पर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है:
“बच्चों की सुरक्षा और जनता के स्वास्थ्य से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि प्रदेश में बिकने वाली हर दवा सुरक्षित और मानक गुणवत्ता वाली हो। जन स्वास्थ्य हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और बच्चों की सुरक्षा पर किसी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।“
राज्य सरकार प्रदेश में औषधि गुणवत्ता निगरानी प्रणाली को और सुदृढ़ करने की दिशा में भी काम कर रही है।



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