धारचूला : भाई-बहनों को लेने टैक्सी स्टैंड पर पहुंची बड़ी बहन उनके मलबे में दबने की खबर सुन हुई सन्न

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धारचूला। तवाघाट-लिपुलेख मार्ग पर कोथला में हुए हादसे में मलबे में नपलच्यु गांव के एक ही परिवार के तीन मासूम भी दबे हैं। जिसमें दो बहने और एक भाई है। नपलच्यु से धारचूला आ रहे भाई-बहनों को लेने टैक्सी स्टैंड पर पहुंची उनकी बड़ी बहन हादसे की सूचना के बाद सन्न हो गई।

नपलच्यु गांव निवासी विरेंद्र सिंह उर्फ विदन सिंह का परिवार खोतिला में रहता है। विदन सिंह और उसकी पत्नी इस समय माइग्रेशन में अपने गांव नपलच्यु गए थे। इस बीच विदन सिंह ने अपने पुत्र नितिन और दो पुत्रियों को कुछ दिन के लिए नपलच्यु बुलाया। बच्चे खोतिला धारचूला में ही पढ़ते हैं। उसकी एक बड़ी पुत्री कहीं बाहर पढ़ती है और दूसरे नंबर की पुत्री खोतिला धारचूला में है।

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रविवार सुबह विदन ने अपनी पुत्री को फोन से उसके भाई बहनों के धारचूला आने की सूचना दी टैक्सी स्टैंड में आकर घर ले जाने को कहा। उसके द्वारा टैक्सी नंबर भी बताया गया था। पिता की सूचना पर पुत्री अपने भाई बहनों को लेने के लिए टैक्सी स्टैंड पहुंची थी, परंतु जहां पर उसके भाई बहनों को लेकर आ रही टैक्सी के मलबे में दबने की सूचना मिली।

पूर्व शिक्षक को आना था दूसरी टैक्सी से

लगभग एक साल पूर्व सेवानिवृत्त शिक्षक तुला राम मूलरूप से बूंदी गांव निवासी हैं और उनका परिवार भी धारचूला में रहता है। वह अपनी पत्नी आशा देवी के साथ अपने गांव बूंदी में पूजा के लिए गए थे। गांव में पूजा के बाद अपनी ससुराल गुंजी गए। गुंजी से अपने गांव लौटे थे।

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रविवार को धारचूला लौटना था जिसके लिए एक टैक्सी चालक से बात हुई थी। उस टैक्सी से इस दंपती को आना था, परंतु इससे पूर्व हादसे का शिकार बनी टैक्सी से आ गए। गांव से कुछ ही किमी दूर आते ही हादसा हो गया।

आठ घंटे बीते नहीं हट सका मलबा, खोज कार्य जारी

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तवाघाट-लिपुलेख मार्ग पर धारचूला से लगभग 58 किमी की दूरी पर कोथला के पास हादसा दोपहर के आसपास हो गया था। इसकी सूचना डेढ़ बजे के आसपास मिली। मौके पर एसएसबी, धारचूला कोतवाली सहित दो अन्य थानों की पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, राजस्व पुलिस पहुंची। दो मशीनें लगाकर मलबा हटाने का कार्य चला। विशाल बोल्डर होने से साढ़े आठ घंटे बीतने के बाद भी मलबा नहीं हट सका है।

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