अभी दो दिन पहले ही सिर पर सेहरा सजा था, अर्धांगिनी की मांग में सिंदूर भरा गया था। हाथों की मेहंदी भी अभी फीकी नहीं पड़ी थी। घर के हर कोने में शादी की खुशियों की गूंज थी और मेहमान भी विदा नहीं हुए थे।
लेकिन तभी एक बुलावा आया-बॉर्डर से। भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात के कारण सभी छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गईं और फौजियों को तुरंत ड्यूटी पर लौटने का आदेश मिला। ऐसे में दो नवनिवाहित फौजी बिना एक पल गंवाए, अपनी दुल्हनों को छोड़, भारत मां की रक्षा के लिए रवाना हो गए।
हम बात कर रहे हैं महाराष्ट्र के मनोज पाटिल और मध्य प्रदेश के मोहित राठौर की। दोनों ही भारतीय सेना के जवान हैं। इन्होंने 1997 की फिल्म बॉर्डर के उस प्रसिद्ध दृश्य को वास्तविकता में जीया, जिसमें फौजी को शादी के तुरंत बाद बॉर्डर पर लौटना पड़ता है। गाना था-“ऐ जाते हुए लम्हों, ज़रा ठहरो…”
मोहित राठौर की 8 को शादी, 9 को रवानगी
मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के कुरावर गांव के रहने वाले मोहित राठौर भारतीय वायुसेना में तैनात हैं। 17 अप्रैल को वे 15 मई 2025 तक की छुट्टी लेकर घर लौटे थे। 8 मई को उनकी शादी राजगढ़ के लसूड़िया रामनाथ गांव की वंदना राठौर से हुई।
लेकिन शादी से ठीक एक दिन पहले, 7 मई को उन्हें हेडक्वार्टर से सूचना मिली कि उनकी छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और तत्काल ड्यूटी जॉइन करनी है। मोहित ने शादी की तारीख का हवाला देकर शनिवार तक की मोहलत मांगी। शादी के अगले ही दिन वे रवाना होने की तैयारी में लग गए।
जब मोहित ने यह बात अपनी नई नवेली दुल्हन वंदना को बताई, तो वह कुछ देर के लिए मायूस हुईं, लेकिन तुरंत खुद को संभालते हुए कहा-“करोड़ों सिंदूर की लाज आपके कंधों पर है, जाओ और देश की रक्षा करो।”
महाराष्ट्र के जलगांव जिले के पचौरा निवासी मनोज पाटिल ने 5 मई 2025 को शादी की। लेकिन शादी के महज दो दिन बाद, 7 मई को सेना से आदेश मिला कि उनकी छुट्टी रद्द कर दी गई है और उन्हें तुरंत ड्यूटी पर लौटना है।
जब 8 मई को मनोज घर से रवाना हो रहे थे, तो परिजनों और दुल्हन की आंखों में आंसू थे। वहां मौजूद हर व्यक्ति भावुक हो गया। उनकी पत्नी यामिनी पाटिल ने कहा-“देश की सेवा करना सबसे बड़ा धर्म है। यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मेरे पति को ये जिम्मेदारी मिली है। मैं उनके साथ पूरी मजबूती से खड़ी हूं।”
वहीं, मनोज ने कहा-“देश पहले है, शादी और परिवार बाद में। जब देश को हमारी जरूरत हो, तब कोई भी जिम्मेदारी पीछे नहीं रहनी चाहिए।”
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सभी छुट्टियां रद्द
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। इसके जवाब में भारत ने 6-7 मई की रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकियों के 9 ठिकानों पर हमला किया। इसके अगले दिन, गृह मंत्रालय ने सीमावर्ती राज्यों के मुख्यमंत्रियों और मुख्य सचिवों के साथ बैठक कर सभी फौजियों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दीं और उन्हें लौटने के निर्देश दिए।












अपने मोबाइल पर ताज़ा अपडेट पाने के लिए -
👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन करें