जीभ का रंग बताता है किस बीमारी से पीड़ित हैं आप, जानें कब देना चाहिए ध्यान

खबर शेयर करें -

जब हम बीमार पड़ते हैं तो सबसे पहले डॉक्टर के पास भागते हैं. ऐसे में जब हम डॉक्टर के पास जाते हैं तो वो सबसे पहले हमारी जीभ देखता है. क्या आपने कभी सोचा है कि जीभ देखकर भी आपकी सेहत का अंदाजा लगाया जा सकता है?

जीभ के बदलते रंग पर ध्यान देना जरूरी है. जीभ का अलग-अलग रंग कई बीमारियों का संकेत हो सकता है.

किसी व्यक्ति की जीभ का रंग उसकी हेल्थ के बारे में और यहां तक ​​कि कुछ बीमारियों की उपस्थिति का संकेत भी दे सकता है. एक हेल्दी जीभ आमतौर पर गुलाबी रंग की होती है, जिसकी सतह पर एक पतली सफेद परत होती है. हालांकि, जीभ के रंग, बनावट या कोटिंग में परिवर्तन गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत दे सकता है.

यह भी पढ़ें 👉  गणेश जी लुटाएंगे आज इन राशि वालों पर धन, इन राशियों को मिलेगा प्यार में धोखा, पढ़िए दैनिक राशिफल

जीभ का नैचुरल कलर-

आपको बता दें कि जीभ का नैचुरल कलर गुलाबी होता है. अगर आपकी जीभ गुलाबी रंग के अलावा किसी और रंग की है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए. आइए जानते हैं कि जीभ के विभिन्न रंगों से सेहत के बारे में क्या जानकारी मिलती है.

काला रंग-

कभी-कभी जीभ का रंग भी काला हो सकता है. जीभ का काला रंग कैंसर जैसी खतरनाक और जानलेवा बीमारी का संकेत हो सकता है. काले रंग की जीभ फंगस और अल्सर जैसी गंभीर बीमारी का लक्षण भी हो सकती है.

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड में प्री-मानसून वर्षा जारी, जल्द देगा मानसून दस्तक, नैनीताल और बागेश्वर में भारी बारिश का अलर्ट

सफेद रंग- अगर आपकी जीभ का रंग सफेद हो गया है तो आपके शरीर में डिहाइड्रेशन की संभावना बढ़ सकती है. इसके अलावा सफेद रंग की जीभ ल्यूकोप्लाकिया जैसी गंभीर बीमारी का भी संकेत दे सकती है.

पीला रंग- क्या आपकी जीभ भी पीली दिखाई दे रही है तो आपको अपने पाचन को बेहतर बनाने पर ध्यान देना चाहिए. मुंह में बचे बैक्टीरिया के कारण भी जीभ का रंग पीला हो सकता है. इस रंग की जीभ लिवर के स्वास्थ्य में कुछ समस्याओं का संकेत भी दे सकती है.

लाल रंग- जीभ का लाल रंग विटामिन बी और आयरन की कमी का संकेत दे सकता है. इस रंग की जीभ फ्लू, बुखार और संक्रमण का लक्षण भी हो सकती है. अगर आपने भी जीभ का रंग बदलता हुआ देखा है तो तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह लें.

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड में प्री-मानसून वर्षा जारी, जल्द देगा मानसून दस्तक, नैनीताल और बागेश्वर में भारी बारिश का अलर्ट

इसलिए, किसी की जीभ के रंग पर समय से ध्यान देना बेहद जरूरी है और इसकी पहचान कर शीघ्र डॉक्टर से मिलकर इसका इलाज कराना चाहिए. दांतों की नियमित जांच और अच्छी मौखिक स्वच्छता बनाए रखने से भी जीभ से संबंधित बीमारियों के विकास को रोकने में मदद मिल सकती है.