भाकपा माले ने अतिक्रमण मामले पर कहीं दो टूक बात, खत्तों पर फिलहाल रोक लगाने की बात कहकर बरगलाने की बजाए इस पर स्थाई रूप से रोक लगाकर बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाया जाय

The CPI(ML) spoke bluntly on the matter of encroachment, instead of tricking them by saying that the pits should be banned for the time being, Bindukhatta should be made a revenue village by putting a permanent ban on it.

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राजू अनेजा,लालकुआ ।भाकपा माले की नैनीताल जिला कमेटी की बैठक दीपक बोस भवन, कार रोड, बिंदुखत्ता में सम्पन्न हुई। बैठक मुख्य रूप से अतिक्रमण के नाम पर सरकार की मंशा को भांपते  हुए भाकपा माले ने खत्तों में अतिक्रमण हटाओ अभियान पर  स्थाई रूप से रोक लगाये जाने की मांग की।

 

बैठक में बिंदुखत्ता को राजस्व गांव का दर्जा देने की प्रक्रिया तत्काल शुरू करने और सभी वन भूमि में बसे खत्तों, गुर्जरों, गोठ खत्तों का नियमितीकरण किए जाने की मांग उठाई गई।

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भाकपा माले के नैनीताल जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय ने कमेटी को संबोधित करते हुए कहा कि, “बिंदुखत्ता ने अपना अस्तित्व संघर्ष के बल पर कायम किया है, और संघर्ष के जरिए ही सुविधाएं हासिल की हैं और इस बात को सरकार भी जानती है। इसीलिए बिंदुखत्ता के नाम की सूची बाहर आते ही सरकार को रक्षात्मक मुद्रा में आकर सफाई देना पड़ा है। बिंदुखत्ता समेत सभी वन भूमि पर बसे लोगों को स्थाई किया जाना चाहिए।”

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वरिष्ठ नेता बहादुर सिंह जंगी ने कहा कि, “उत्तराखण्ड में धार्मिक आधार पर विभाजन कर खत्तों, वन ग्रामों से लोगों को बेदखल करने की कोशिश उत्तराखंड की भाजपा सरकार कर रही है। खत्तों वन गांवों को धार्मिक आधार पर बांटना बंद कर उनका नियमितीकरण किया जाय।”

किसान महासभा के जिला अध्यक्ष भुवन जोशी ने कहा कि, “बिंदुखत्ता की धरती संघर्ष की धरती है। मुख्य वन संरक्षक के द्वारा खत्तों पर फिलहाल रोक लगाने की बात कही गई है लेकिन इस पर स्थाई रोक लगाकर बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाया जाय।”

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जिला कमेटी बैठक में डा कैलाश पाण्डेय, बहादुर सिंह जंगी, भुवन जोशी, आनन्द सिंह सिजवाली, विमला रौथाण, नैन सिंह कोरंगा, चन्दन राम, कमल जोशी, धीरज कुमार, निर्मला शाही आदि मौजूद रहे।

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