भोले की नगरी में लगे हरे देवदार के पेड़ों पर आरी न चलाओ सरकार, जागेश्वर धाम वासियो ने जिलाधिकारी से लगाई विनम्र गुहार

Government should not use saw on green cedar trees in Bhole's city, Jageshwar Dham residents made a humble request to the District Magistrate

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राजू अनेजा ,जागेश्वर। भोले की नगरी के नाम से प्रख्यात जागेश्वर धाम  वासियो ने एसडीएम एनएस नगन्याल के माध्यम से जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रेषित करते हुए जागेश्वर क्षेत्र में मास्टर प्लान के तहत हो रहे सड़क चौड़ीकरण की जद में आ रहे  करीब 1000 देवदार के पेड़ों को न काटने गुहार लगाई है।

 

बताते चले कि अल्मोड़ा जिले के जागेश्वर क्षेत्र में मास्टर प्लान के तहत हो रहे सड़क चौड़ीकरण के लिए करीब 1000 देवदार के पेड़ों को काटने की तैयारी की जा रही है। कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग ने चौड़ीकरण की जद में आ रहे पेड़ों का चिह्नीकरण की खबर सुनते ही क्षेत्र के लोग इसके विरोध में उतर आए हैं। उनका कहना है कि अस्था से जुड़े दारूक वन में खड़े इन पेड़ों की वे पूजा करते हैं। जागेश्वर धाम देवदार के जंगल के बीच स्थित है। इसे दारूक वन के नाम से भी पहचान मिली है। पौराणिक मान्यता के अनुसार यही दारुक वन भगवान शिव का निवास स्थान है। धाम के विकास के लिए मास्टर प्लान को धरातल पर उतारा जा रहा है। मास्टर प्लान के तहत आरतोला से जागेश्वर तक तीन किमी सड़क का चौड़ीकरण होना है। टू-लेन सड़क बनाने के लिए इसकी जद में आ रहे 1000 से अधिक देवदार के पेड़ों का कटान होना है। स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने सोमवार को बैठक कर कहा कि यहां स्थित देवदार के पेड़ों को शिव-पार्वती, गणेश, पांडव वृक्ष के रूप में पूजा जाता है। ऐसे में इनका कटान नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने जिलाधिकारी को प्रेषित ज्ञापन की प्रति एसडीएम एनएस नगन्याल  को सौपते हुए विनम्र गुहार लगाई ।