बहनों से रिश्ता तब टूटता है जब अर्थी उठती है बहन की: चुनाव हारने के बाद स्मृ‍ति ईरानी ने क्यों कहा ऐसा?

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लोकसभा का चुनाव कई मामलों में चौंकाने वाला रहा. खासकर उत्तर प्रदेश में बीजेपी के लिए मुकाबला काफी मुश्किल रहा. कांग्रेस के साथ मिलकर समाजवादी पार्टी ने बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाई. बात करें पिछले बार की तो उत्तर प्रदेश में BJP को 62 सीट मिली थी, जबकि NDA ने कुल 64 सीटें अपने नाम की थी.

लेकिन इस बार ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है. अभी तक का सबसे ज्यादा चौंकाने वाला रुझान अमेठी का रहा. स्मृति ईरानी ने उत्तर प्रदेश के अमेठी से लोकसभा चुनाव में हार स्वीकार करते हुए एक बयान दिया है.

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आपको बता दें कि स्मृति ईरानी ने 2019 में राहुल गांधी को हराकर ये सीट जीती थी. लेकिन बीजेपी नेता का इस बार अमेठी सीट पर मुकाबला किशोरी लाल शर्मा से था. लेकिन यहां वह किशोरी लाल शर्मा को टक्कर नहीं दे सकीं. खबर लिखे जाने तक किशोरी लाल शर्मा उनसे एक लाख 67 हजार 196 वोटों से आगे चल रहे थे और अब ताजा रिपोर्ट के मुताबिक वे चुनाव जीत गए हैं. ऐसे में स्मृति ईरानी का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वे अपनी हार को स्वीकार करती नजर आ रही हैं.

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स्मृति इस वीडियो में कहती दिख रही हैं, ‘मैं उन सभी बीजेपी पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों का आभार व्यक्त करती हूं, जिन्होंने अत्यंत समर्पण और निष्ठा के साथ निर्वाचन क्षेत्र और पार्टी की सेवा में काम किया है…आज मैं पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की आभारी हूं कि उनके सरकारों ने 30 वर्षों के लंबित कार्यों को मात्र 5 वर्षों में पूरा किया है. मैं जीतने वालों को बधाई देती हूं. मैं अमेठी के लोगों की सेवा में बना रहूंगी’. अंत में वह ये कहती हैं संगठन को और सशक्त करेंगे.उन्होंने कहा कि बहनों से रिश्ता तब टूटता है जब अर्थी उठती है बहन की. इस तरह उन्होंने अमेठी से आगे भी अपना रिश्ता कायम रखने की ओर इशारा किया है.