जिस बेटे ने दी थी मां को मुखाग्नि, पांच दिन बाद गुलदार के हमले में उसी की मौत; परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

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देहरादून, उत्तराखंड के देहरादून जिले से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जिसने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। जिस घर में अभी मां की चिता की आग ठंडी भी नहीं हुई थी, उसी घर में पांच दिन के भीतर दूसरी बड़ी त्रासदी हो गई। पांच दिन पहले अपनी मां को मुखाग्नि देने वाले 36 वर्षीय राजू की आज, 30 मई को गुलदार के हमले में मौत हो गई। इस दुखद घटना के बारे में जिसने भी सुना, वह भावुक हो गया।

दुखद संयोग: मां की तेरहवीं से पहले बेटे की मौत

जानकारी के मुताबिक, हरिद्वार जिले के रहने वाले राजू की मां का पांच दिन पहले ही निधन हुआ था। राजू ने ही अपनी मां को मुखाग्नि दी थी और तब से वह घर पर ही था। हालांकि, मां की तेरहवीं और परिवार के भरण-पोषण के लिए पैसों की कमी न हो, इस चिंता में वह अपने भाई के साथ आज सुबह देहरादून के लालतप्पड़ के जंगल में काम पर निकल गया। राजू जंगलों में पत्ते तोड़ने का काम करता था।

गुलदार का जानलेवा हमला

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बताया जा रहा है कि राजू जंगल में पत्ते तोड़ ही रहा था कि तभी गुलदार ने उस पर हमला कर दिया। इस बीच राजू का छोटा भाई संजू किसी तरह गुलदार से अपनी जान बचाकर भागने में सफल रहा और घर पहुंचकर परिजनों को पूरी घटना बताई। यह खबर सुनते ही राजू के परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस और वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची। टीम ने जंगल से राजू का शव बरामद कर लिया है।

लगातार हुई मौतें, परिवार पर कहर

राजू का परिवार पिछले कुछ समय से लगातार मुश्किलों से जूझ रहा है। राजू छह भाई-बहन थे। कुछ समय पहले ही राजू के पिता की भी एक हादसे में मौत हो गई थी। पिता की मौत से कुछ समय पहले राजू का छोटा भाई भी अचानक दुनिया छोड़ गया था। इन दोनों दुखों से परिवार बाहर आने का प्रयास कर ही रहा था कि पांच दिन पहले ही हार्ट अटैक से राजू की मां का निधन हो गया। राजू छह भाई-बहनों में सबसे बड़ा था और मां-बाप के जाने के बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी उसी पर थी।

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परिजनों और पड़ोसियों की चेतावनी अनसुनी

जंगल से पत्ते तोड़कर बाजारों में बेचने वाले परिवार से ताल्लुक रखने वाला राजू मां का मुखाग्नि देने के बाद क्रिया में बैठा हुआ था, लेकिन आज पांचवें दिन वह अचानक घर से काम पर निकल गया। आस-पड़ोस के लोगों की मानें तो परिजनों ने राजू को काम पर जाने से मना किया था। साथ ही पड़ोसियों ने भी राजू को समझाया था कि मां की तेरहवीं के पहले घर से बाहर नहीं जाना चाहिए। लेकिन मां की तेरहवीं और परिवार के भरण-पोषण की चिंता में राजू अपने छोटे भाई के साथ देहरादून के लालतप्पड़ के जंगल में चला गया।

छोटे भाई ने आंखों देखा खौफनाक मंजर

राजू के छोटे भाई संजू ने वन विभाग और परिवार के लोगों को बताया कि जंगल पहुंचने पर दोनों भाइयों ने पत्ते तोड़ने शुरू ही किए थे कि अचानक पीछे से आए गुलदार ने राजू पर हमला कर दिया। संजू, जो राजू के पास ही खड़ा था, गुलदार के हमले से डर गया। संजू ने बताया कि गुलदार ने उस पर भी हमला करने की कोशिश की, लेकिन वह किसी तरह जान बचाकर वहां से भाग गया। राजू के भाई ने बताया कि वह दूर जाकर यह देखने की कोशिश कर रहा था कि उसका भाई कैसा है, लेकिन जैसे ही उसने पलट कर देखा तो गुलदार ने उसके भाई की गर्दन और चेहरे पर बुरी तरह से हमला कर रखा था। घटना के बाद किसी तरह संजू जंगल से बाहर आया और इस पूरी घटना की जानकारी आसपास के लोगों को दी।

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अधिकारी का बयान

देहरादून डीएफओ नीरज शर्मा ने बताया कि वन विभाग की टीम ने जंगल से एक शव बरामद कर लिया है। मृतक का नाम राजू बताया गया है। फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। यह घटना मानव-वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती गंभीरता और उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में वन्यजीवों के हमलों से उत्पन्न खतरे को एक बार फिर उजागर करती है।

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