मामा के साथ हरिद्वार मनसा देवी मंदिर मैया के दर्शन करने गया काशीपुर का यह युवक भी हुआ हादसे का शिकार, मामा भांजे की भगदड़ ने ले ली जान

This young man from Kashipur who went to Haridwar Mansa Devi temple with his uncle to visit Maayya also became a victim of the accident, stampede took the lives of uncle and nephew

खबर शेयर करें -

राजू अनेजा, काशीपुर।हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में रविवार को करंट की अफवाह के बाद मची भगदड़ ने काशीपुर के एक परिवार की खुशियां छीन लीं। इस दर्दनाक हादसे में बरखेड़ी गांव निवासी एक युवक और उसके मामा की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया, वही गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है

बरखेड़ी निवासी रघुवीर सिंह सैनी का 18 वर्षीय पुत्र विपिन सैनी शनिवार को अपने मामा विक्की सैनी (पुत्र टीका सिंह) के साथ मां मनसा देवी के दर्शन के लिए हरिद्वार गया था। रविवार सुबह मंदिर परिसर में अचानक करंट लगने की अफवाह फैल गई, जिससे वहां भगदड़ मच गई। इस अफरा-तफरी में विपिन और उसके मामा दोनों कुचल गए।

यह भी पढ़ें 👉  देहरादून पंचायत चुनाव: दूसरे चरण का मतदान कल, 3 लाख से अधिक मतदाता करेंगे भाग्य का फैसला

18 वर्षीय विपिन सैनी बरखेड़ी निवासी रघुवीर सिंह सैनी का इकलौता बेटा था। विपिन की मां प्रभा जब दुनिया से विदा हुई, तब वो सिर्फ़ दो साल का था। मां की ममता को कभी महसूस नहीं कर पाया और अब खुद भी इतनी जल्दी दुनिया छोड़ गया।बचपन से वह अपनी नानी के पास रामपुर में रहा। पढ़ाई कर रहा था, जिंदगी के सपने संजो रहा था। शनिवार को अपने मामा विक्की (पुत्र टीका सिंह सैनी) के साथ मां मनसा देवी के दर्शन करने गया था। पर किसे पता था कि रविवार की सुबह उसके जीवन की आखिरी सुबह होगी।मंदिर में अचानक करंट लगने की अफवाह फैली, लोग भागने लगे। भगदड़ में मामा-भांजे दोनों कुचल गए। दोनों की मौत की खबर गांव पहुंची तो कोहराम मच गया। बहनों की चीखें आसमान चीर रहीं थीं, पिता रघुवीर सिंह के पैरों तले जैसे ज़मीन खिसक गई।विपिन तीन बहनों के बाद घर में जन्मा था। जिसके लिए पिता ने सपने बुन रखे थे। लेकिन अब वह सपना एक सफेद कफ़न में लिपट कर लौटा तो पूरा गांव रो पड़ा।

यह भी पढ़ें 👉  हरिद्वार में तांत्रिक क्रियाओं के शक में BSF जवान के पिता की हत्या, आरोपी गिरफ्तार

 

 

बचपन में मां ने छोड़ा साथ अब भाई भी हो गया भगवान को प्यारा, तीन बहनों कर रो रो कर बुरा हाल

घर में तीन बहनें हैं और अब उनका एकमात्र सहारा, उनका भाई भी छिन गया। गांव में जब यह खबर पहुंची, तो तीनों बहनों की चीखें हर दीवार को हिला गईं। मां चली गई तो भाई ही तो था सहारा,अब किसके लिए राखी बांधेंगे?बड़ी बहन ने फूट-फूटकर कहा। मंझली बहन ने भाई की तस्वीर से लिपटते हुए बस एक ही बात दोहराई भैया तुझे तो अब जीना शुरू ही किया था…

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड में एक सप्ताह बाद खिली धूप, गर्मी से बढ़ी बेचैनी; कुमाऊं में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट

 

 

सवालों के घेरे में व्यवस्था
हादसे ने मंदिरों में भीड़ नियंत्रण व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर श्रद्धालु कब तक अपनी आस्था की कीमत जान देकर चुकाते रहेंगे?