रामनगर (नैनीताल): रामनगर के ग्राम पूछड़ी क्षेत्र में वन भूमि पर वर्षों से चले आ रहे अवैध कब्जों को हटाने के लिए अब प्रशासन पूरी तरह सख्त हो गया है। तराई पश्चिमी वन प्रभाग की इस भूमि पर लंबे समय से अवैध अतिक्रमण कर खेती की जा रही थी।
🔎 वन विभाग की भूमि पर अतिक्रमण
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अतिक्रमित भूमि: तराई पश्चिमी वन प्रभाग की भूमि, जिस पर खेती की जा रही है।
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ट्रेंचिंग ग्राउंड विवाद: कुछ वर्ष पूर्व वन प्रभाग ने रामनगर नगर पालिका को कूड़ा निस्तारण (ट्रेंचिंग ग्राउंड) के लिए लगभग एक हेक्टेयर भूमि उपलब्ध कराई थी और नगर पालिका ने इसके बदले लगभग ₹1 करोड़ की धनराशि भी दी थी। इसके बावजूद आज भी उस भूमि पर कई लोगों द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर खेती की जा रही है, जिससे सरकारी योजना प्रभावित हो रही है।
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उच्च न्यायालय: अवैध कब्जों से जुड़ा यह मामला उच्च न्यायालय में भी विचाराधीन है।
📸 संयुक्त सर्वे और रणनीति
अवैध कब्जे चिन्हित करने के लिए अपर पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार कत्याल, एसडीओ वन विभाग किरण शाह, राजस्व विभाग, पुलिस प्रशासन और नगर पालिका की एक संयुक्त टीम मौके पर पहुँची।
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सर्वे: टीम ने पूरे क्षेत्र का व्यापक सर्वे किया और ड्रोन कैमरे की मदद से अवैध कब्जाई गई भूमि को चिन्हित किया।
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विरोध: जैसे ही प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची, अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मच गया और अधिकारियों से हल्की नोकझोंक भी देखने को मिली।
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रणनीति: पहले चरण में नगर पालिका को दिए गए ट्रेंचिंग ग्राउंड की भूमि से अवैध कब्जे हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
📄 एसआईटी जांच और धोखाधड़ी का खुलासा
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मुकदमा दर्ज: अपर पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार कत्याल ने बताया कि साल 2024 में वन भूमि पर अवैध कब्जे के आरोप में कुछ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसकी जांच जारी है।
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एसआईटी: सरकार के निर्देश पर पूरे प्रकरण की जांच के लिए एसआईटी का गठन भी किया गया है।
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धोखाधड़ी: जांच में यह सामने आया है कि कुछ लोगों ने कूट रचित दस्तावेजों के जरिए भोले-भाले लोगों को गुमराह कर जमीन बेहद सस्ते दामों में बेच दी।
प्रशासन की इस कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं, क्योंकि वन विभाग की कुल 1000 हेक्टेयर भूमि पर लगभग 500 से ज्यादा परिवारों का कब्जा है।
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