बेमौसम बारिश, तेज हवाएं और ओले गिरने से आम की फसल को लगातार नुकसान, महंगा होने का अनुमान
आम के चाहने वालों को अपना पसंदीदा दशहरी, लंगड़ा और चौसा का इंतजार है।
इन आम की फसल को तैयार होने में थोड़ा ओर भी वक्त लग सकता है। बेमौसम बारिश, तेज हवाएं और ओले गिरने से आम की फसल को लगातार नुकसान पहुंचा है।
इस साल आम उत्पादक किसानों ने अच्छे उत्पादन की उम्मीद जताई थी, क्योंकि आम की फसल में फूल काफी अच्छे आए थे, लेकिन अप्रैल व मई महीने से ही मौसम की बेरुखी के चलते आम को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है। अप्रैल-मई के महीने में भी पांवटा के कई हिस्सों में बारिश और तेज हवाओं की वजह से आम की फसल को एक बार फिर से नुकसान पहुंचा है। पांवटा और उत्तराखंड के साथ लगते क्षेत्र में आम को अब तक 60 फीसदी तक नुकसान पहुंच चुका है। आम उत्पादक किसान काफी ज्यादा परेशान हैं, क्योंकि इस बार आम की फसल को बचाने के लिए वह कई बार दवाओं का छिडक़ाव भी करना पड़ा, लेकिन इसके बावजूद भी आंधी और बारिश की वजह से काफी आम गिर चुके हैं। उत्तर भारत में पैदा होने वाले दशहरी, लंगड़ा, चौसा आम की फसल पर पानी फिरता दिख रहा है।
आम के उत्पादन पर पड़ेगा विपरीत असर
आम उत्पादक किसान इस बार आम के महंगा होने का अनुमान जता रहे हैं। पांवटा साहिब, उत्तराखंड और यूपी के क्षेत्र में आम की फसल को बारिश और ओलावृष्टि से काफी नुकसान पहुंचा है। इस नुकसान के चलते आम की फसल अब सीमित रह गई है। वहीं, आम उत्पादक इस बार आम की फसल के महंगे होने का अनुमान जता रहे हैं। आम के क्षेत्र में काम करने वाले किसान विक्की व कलीम ने बताया कि इस साल आम की मिठास के लिए लोगों को अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ सकती है।
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