उत्तराखंड : यहां पागल कुत्ते के काटने वाली गाय का दूध पीने से 17 लोग बीमार, इंजेक्शन के लिए भटकना पड़ा

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उत्तरकाशी: सीमांत आराकोट बंगाण क्षेत्र में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ एक ग्रामीण की गाय का दूध पीने से 17 लोगों (महिलाएं और बच्चे शामिल) की तबीयत बिगड़ गई। ग्रामीणों के होश तब उड़ गए, जब उन्हें पता चला कि गाय की मौत पागल कुत्ते के काटने से हुई थी। इसके बाद ग्रामीणों को एंटी-रेबीज इंजेक्शन के लिए नजदीकी अस्पताल में सुविधा न मिलने के कारण दूसरे जिले तक दौड़ लगानी पड़ी।


 

दूध पीने के बाद गायों की मौत से खुला राज

 

सामाजिक कार्यकर्ता मनमोहन सिंह चौहान ने बताया कि कुछ दिन पहले आराकोट बंगाण क्षेत्र की ग्राम पंचायत पावली के डेलून गाँव में एक पागल कुत्ते ने एक ग्रामीण की दो गायों को काट दिया था।

  • लापरवाही: ग्रामीण इस बात से अंजान रहे और लगातार उन गायों का दूध पीते रहे।
  • बीमारी: कुछ समय बाद गाँव के 17 लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी, जिसमें महिलाएँ और बच्चे शामिल थे।
  • संदेह: इसी बीच, पागल कुत्ते के काटे जाने के कारण दोनों गायों की भी मौत हो गई। तब ग्रामीणों को पता चला कि जिस गाय का दूध वे पी रहे थे, उसे पागल कुत्ते ने काटा था। रेबीज के खतरे को देखते हुए ग्रामीण घबराकर अस्पताल की ओर दौड़े।
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उपचार के लिए त्यूणी (देहरादून) तक जाना पड़ा

 

ग्रामीणों ने तुरंत 1 अक्टूबर को अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आराकोट (उत्तरकाशी) में संपर्क किया, लेकिन आरोप है कि स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर या अन्य स्टाफ मौजूद नहीं था, और न ही एंटी-रेबीज इंजेक्शन उपलब्ध थे।

  • भटकना: मजबूरी में मनमोहन सिंह चौहान समेत अन्य मरीजों को उपचार के लिए दूसरे जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र त्यूणी (देहरादून) जाना पड़ा, जहाँ उन्हें एंटी रेबीज इंजेक्शन की पहली डोज लगाई गई। दूसरी डोज भी 3 अक्टूबर को त्यूणी में ही लगाई गई।
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सामाजिक कार्यकर्ता की पहल पर समस्या का समाधान

 

  • मांग: 5 अक्टूबर को सामाजिक कार्यकर्ता मनमोहन सिंह चौहान ने मोरी के प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर नीतेश से संपर्क कर आराकोट में ही अगली डोज उपलब्ध कराने का आग्रह किया।
  • इंजेक्शन उपलब्ध: मामले की गंभीरता को देखते हुए, स्वास्थ्य विभाग ने आनन-फानन में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आराकोट में इंजेक्शन उपलब्ध करवाए।
  • तीसरी डोज: 8 अक्टूबर को सभी 17 मरीजों को तीसरी डोज आराकोट में ही लगाई गई, जिसके बाद ग्रामीणों ने राहत की साँस ली।

प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी, मोरी, डॉ. नीतेश ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि आराकोट स्वास्थ्य केंद्र में इंजेक्शन उपलब्ध करा दी गई है। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से अस्पताल में स्थायी व्यवस्थाएँ सुधारने की मांग की है। अब मरीजों को अगली डोज 28 अक्टूबर को लगनी है।

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कुत्ते के काटने पर क्या करें?

 

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, यदि कुत्ता किसी को काटता है तो ये कदम तुरंत उठाएँ:

  1. कटे घाव को कम से कम 15 मिनट तक साफ पानी और साबुन से अच्छी तरह धो लें।
  2. कुत्ते के काटने के 72 घंटे के भीतर एंटी रेबीज इंजेक्शन (पहली डोज) ज़रूर लगवा लें।
  3. तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और एंटीसेप्टिक क्रीम का उपयोग करें।
  4. अपने पालतू जानवरों (कुत्ते या बिल्ली) को नियमित रूप से वैक्सीनेट कराएँ।
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