उत्तराखंड: महिला पुलिसकर्मी ने राष्ट्रपति से मांगी इच्छामृत्यु की अनुमति, लगाया उत्पीड़न का गंभीर आरोप

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 उत्तराखंड पुलिस विभाग से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक महिला पुलिसकर्मी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है। महिला ने अपने पत्र में विभाग के एक अधिकारी पर शोषण और उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया है।


 

क्या है महिला पुलिसकर्मी के आरोप?

 

पीड़ित महिला, जो पुलिस विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में कार्यरत है, ने आरोप लगाया है कि:

  • विभाग के एक अधिकारी ने उसका शारीरिक और मानसिक शोषण किया।
  • जब उसने इसका विरोध किया, तो उसे चुप कराने की कोशिश की गई।
  • जब उसने उच्चाधिकारियों से शिकायत की, तो उसकी बात सुनने की बजाय उसे जेल भेज दिया गया।
  • जेल से बाहर आने के बाद भी कई पुलिस अधिकारी उसके घर आकर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करते रहे।
  • उसने पुलिस महानिदेशक समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई, लेकिन कहीं से भी उसे न्याय नहीं मिला।
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राष्ट्रपति से न्याय या इच्छामृत्यु की मांग

 

इन गंभीर आरोपों और लगातार उत्पीड़न से तंग आकर महिला ने अब भारत के राष्ट्रपति को पत्र लिखा है। पत्र में उसने स्पष्ट रूप से कहा है कि या तो उसे न्याय दिलाया जाए, या फिर उसे इच्छामृत्यु की अनुमति दी जाए।

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इस पत्र के सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है। इस घटना ने एक बार फिर पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली और महिला कर्मचारियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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यह मामला दिखाता है कि कैसे एक ही विभाग में उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाना कितना मुश्किल हो सकता है।