लालकुआं: गौला नदी में खनन शुरू होने से पहले ही आंदोलन की चेतावनी, 15 साल पुराने वाहनों की फिटनेस फीस में छूट की मांग

खबर शेयर करें -

 

लालकुआं: गौला नदी से खनन निकासी शुरू होने में अभी कुछ समय लग सकता है, लेकिन इससे पहले ही खनन व्यवसाय से जुड़े गाड़ी मालिक अपनी मांगों को लेकर आंदोलन की राह पर चल पड़े हैं। गौला खनन मजदूर उत्थान समिति ने चेतावनी दी है कि यदि 15 साल पुराने वाहनों की फिटनेस फीस में पूर्व की भांति छूट प्रदान नहीं की गई, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू करेंगे।


🚗 आंदोलन का कारण: फिटनेस फीस में 10 गुना वृद्धि

  • बैठक: मोटाहल्दू शिव मंदिर में गौला खनन मजदूर उत्थान समिति के पदाधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें कई पदाधिकारी और गेट अध्यक्ष शामिल हुए।

  • मुख्य मांग: समिति अध्यक्ष रमेश जोशी ने बताया कि गौला एवं नंन्धौर नदी में उप खनिज ढोने वाले 15 साल पुराने वाहनों की फिटनेस फीस में 10 गुना वृद्धि हो गई है।

  • छूट की मांग: उत्तराखंड सरकार पिछले दो वर्षों से इन वाहनों को फिटनेस फीस में छूट प्रदान करती आई है। इस बार भी हजारों वाहन स्वामी यही छूट चाहते हैं।

  • असंतोष: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट करने और अधिकारियों के दरवाजे खटखटाने के बावजूद कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया है।

यह भी पढ़ें 👉  प्रधानमंत्री मोदी अब 9 नवंबर को देहरादून आएंगे, राज्य स्थापना दिवस समारोह की तिथियों में बदलाव

⚠️ सरकार को आर-पार की लड़ाई की चेतावनी

महामंत्री जीवन कबडवाल और रमेश काण्डपाल ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो अब सरकार के साथ आर पार की लड़ाई लड़ी जाएगी।

यह भी पढ़ें 👉  पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अल्मोड़ा की महावतार बाबा की गुफा में लगाया ध्यान, अनुभव को बताया 'अद्भुत'

समिति ने निर्णय लिया है कि मांग पूरी न होने पर बृहद स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। बैठक में इंद्र नयाल, पंकज दानू, भगवान सिंह धामी, जीवन बोरा, सुरेश जोशी, गणेश बिरखानी, मदन उपाध्याय, सुरेश भट्ट, गोकुल कांडपाल, दिलीप सिंह गढ़िया, राजू मेहता, राजू चौबे, पूरन पाठक और रविंद्र जग्गी सहित कई वाहन स्वामी मौजूद थे।

यह भी पढ़ें 👉  हरीश रावत का सियासी दाँव: कहा- "जब तक ट्रंप को मंडुआ की रोटी खाते नहीं देख लेता, तब तक बूढ़ा नहीं होऊंगा"
Ad