स्कूल के कमरे को बनाया था बेडरूम, अब कहां हैं वह टीचर और क्या कर रही हैं?

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आपको याद होगा कि बीते मार्च महीने में जमुई जिले के एक सरकारी स्कूल में ही महिला हेडमास्टर का आशियाना बनाकर पति के साथ डेरा जमाने का मामला सामने आया था. स्कूल के एक कमरे में टीवी, फ्रिज, गोदरेज, गैस चूल्हा और बेड लगाकर ऐशो आराम के सारी सुविधाएं रख पति के साथ महीनों से रहने के मामले ने खूब तूल पकड़ा था.

यहां तक स्कूल में जिले के डीएम अधिकारियों के साथ पहुंच गए थे, लेकिन मामला बड़ा होते देख महिला हेडमास्टर ने सभी सामान का ठेले पर लादकर हटवा लिया था. लेकिन, अब वह कहां रह रही हैं और क्या कर रही हैं यह जानना चाहते हैं तो विस्तार से जानिये कि मामला क्या था.

बता दें कि जमुई जिले के खैरा प्रखंड के हरखार पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बरदौन की महिला प्रधानाध्यापिका शीला हेंब्रम स्कूल के एक कमरे में ही अपना आशियाना बना रखा था. वहां ऐशोआराम की सारी चीजें मौजूद थीं और चार महीने से अपने पति के साथ रह रही थी. मामला जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और जब खबर बनने लगी, महिला प्रधानाध्यापिका की किरकिरी होने लगी. इसके बाद वह आनन-फानन में सभी सामान को ऑटो पर लाद कर अपने मायके में शिफ्ट हो गईं. स्कूल से आशियाना हटाने के बाद वह उसी गांव में अपने मायके में रह रही हैं.

स्कूल का कमरा खाली करने के बाद प्रधानाध्यापिका शीला हेंब्रम अपने माता-पिता के घर मायके में रह रही हैं. शीला हेंब्रम का मायका बरदौन गांव में ही है. दरअसल, शीला हेंब्रम 2007 से ही उत्क्रमित मध्य विद्यालय बरदौन में पदस्थापित हैं. 17 साल से इसी स्कूल में शिक्षिका है. शीला हेंब्रम का मायके यहां और ससुराल रांची है, पहले यह जमुई में रहा करती थी और वहीं से स्कूल आया जाया करती थी. लेकिन, स्कूल में आने की परेशानी को देखते हुए शीला हेंब्रम ने अपने मायके में ही अपना मकान बनवाना का काम शुरू कर दी अब मायके में स्कूल भी था और वहां मकान भी बन रहा था. ऐसे में जमुई का डेरा खाली कर शीला हेंब्रम स्कूल के कमरे में ही अपना आशियाना बना रखा था, ताकि मकान बनाने में कोई परेशानी नहीं हो.

स्कूल के जिस कमरे में आशियाना बनाया था उसमें टीवी, फ्रिज, कूलर, गैस चूल्हा के अलावा बेड भी लगा था, जहां वह अपने पति के साथ रह रही थीं. इस बारे में जब डीएम को सूचना मिली और डीएम राकेश कुमार जब तक पहुंचते उससे पहले वह स्कूल का कमरा खाली कर अपने मायके में शिफ्ट हो गईं. माता-पिता के घर में रह रही शीला हेम्ब्रम ने बताया कि उसके इस मामले को इस तरह से हाईलाइट किया गया, जैसे वह बहुत बड़ी गलती कर दी हो.

उन्होंने कहा था कि स्कूल की देखभाल हो और मेरा जो मकान बन रहा था उसको लेकर परेशानी ना हो, इसलिए स्कूल के कार्यालय में वह अपने पति के साथ रह रही थीं. पहले वह जमुई में रहती थीं जहां से आना जाना करती थीं. मात्र चार महीने वह उस स्कूल में रहीं. अब फिलहाल वह मायके में रह रही हैं. वह हर दिन स्कूल जाती है और बच्चों को पढ़ाती हैं. जिस कमरे में वह रह रहीं थीं उसमें स्कूल का कार्यालय चल रहा है.