अमेठी और रायबरेली पर कांग्रेस की चुप्पी का राज़ क्या यह रणनीति है?
कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए अभी तक अमेठी और रायबरेली सीट से अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है
लंबे समय से कांग्रेस का इन दोनों सीटों पर कब्ज़ा रहा है लेकिन बीते चुनाव में अमेठी सीट पर कांग्रेस को हार मिली थी.
अब इस सीट से कौन चुनाव लड़ेगा, इसको लेकर द इंडियन एक्सप्रेस अख़बार ने एक ख़ास रिपोर्ट प्रकाशित की है.
अख़बार लिखता है कि साल 2019 में लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की पहली सूची जारी हुई थी, जिसमें 11 उम्मीदवार यूपी से और चार गुजरात से थे. इस दौरान अमेठी और रायबरेली दोनों सीटों से उम्मीदवारों की घोषणा की गई थी.
हालांकि, तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को वायनाड से भी चुनाव लड़ाया गया था. इस समय राहुल वहीं से सांसद हैं.
अख़बार लिखता है कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की अभी तक 12 सूची आ चुकी है लेकिन उसमें रायबरेली और अमेठी से उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की गई है.
सोनिया गांधी के राज्यसभा चले जाने के बाद ये तय है कि रायबरेली से कोई नया कांग्रेसी उम्मीदवार ही मैदान में होगा और वहीं वायनाड से राहुल गांधी के चुनाव लड़ने की घोषणा हो चुकी है.
क्यों नहीं हुई उम्मीदवारों की घोषणा
अख़बार लिखता है कि अमेठी और रायबरेली से राहुल और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा मैदान में होंगी या नहीं इस पर कांग्रेस के कुछ नेताओं का कहना है कि यह ‘रणनीतिक चुप्पी’ है.
वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी ने बुधवार को वायनाड से अपना चुनावी नामांकन दाख़िल किया.
कांग्रेस नेता अख़बार से कहते हैं कि अभी अमेठी और रायबरेली में चुनाव होने में काफ़ी समय है क्योंकि ये 20 मई को पांचवें चरण में होगा और इसके नामांकन की आख़िरी तारीख़ तीन मई है.
हालांकि सबसे दिलचस्प बात ये है कि महाराजगंज, देवरिया, बंसगांव और वाराणसी जैसी सीटों पर पार्टी पहले ही उम्मीदवार घोषित कर चुकी है, जहां अंतिम चरण में एक जून को मतदान होना है.
अमेठी, रायबरेली के अलावा कांग्रेस प्रयागराज और मथुरा सीट से भी अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं कर पाई है.
अमेठी और रायबरेली से उम्मीदवार न घोषित होने को लेकर पार्टी के अंदर अलग-अलग राय है. एक धड़ा मानता है कि इस पर कोई अनिश्चितता या भ्रम नहीं है कि राहुल-प्रियंका को यूपी से चुनाव लड़ना चाहिए क्योंकि देश की सत्ता की यात्रा में हिंदी भाषी राज्य बेहद ज़रूरी हैं और इसकी घोषणा ‘सही समय’ पर की जाएगी.
एक नेता ने अख़बार से कहा, “राहुल अमेठी नहीं लड़ते हैं तो ये बेहद भयानक राजनीतिक संकेत देगा. मुझे इसका कोई कारण नहीं दिखता है कि वो क्यों नहीं लड़ेंगे. गांधी परिवार अमेठी और रायबरेली से नहीं लड़ेगा तो बीजेपी को कैंपेन के लिए एक मुद्दा मिल जाएगा कि वो यहां से भाग गए क्योंकि वो उत्तर प्रदेश में अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नहीं थे.”
एक अन्य कांग्रेसी नेता बताते हैं कि दोनों भाई-बहन अपने विकल्पों को तौल रहे हैं.
वो अख़बार से कहते हैं, “दोनों को चुनाव अभियान के लिए देशभर में यात्रा करनी होगी. वे नहीं चाहते हैं कि अपने-अपने चुनाव क्षेत्रों में बंधे रहें. अगर मुझे सही तरह से याद है तो दोनों में से कोई भी बीते दो सालों से अमेठी और रायबरेली नहीं गए हैं. तो वो सभी पक्षों को देख रहे हैं.”
बीजेपी किसे मुद्दा बनाएगी?
एक ओर चुनाव लड़ने या न लड़ने का फ़ैसला गांधी परिवार के पास है, वहीं दूसरी ओर पार्टी नेताओं का मानना है कि वो चुनाव लड़ें या न लड़ें, इसको लेकर अलग-अलग नैरेटिव को आगे बढ़ाया जाएगा.
एक कांग्रेस नेता कहते हैं, “अगर वे नहीं लड़ते हैं तो बीजेपी कहेगी कि वे भाग गए. अगर वे लड़ते हैं तो बीजेपी कहेगी कि तीनों गांधी संसद में ख़ुद को देखना चाहते हैं और जो एक ही परिवार में हैं.”
दिलचस्प बात ये है कि कांग्रेस ने मल्लिकार्जुन खड़गे के दामाद राधाकृष्ण डोड्डामणि को कर्नाटक के गुलबर्ग से चुनावी मैदान में उतारा है, जिसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष के परिवार से तीन लोग चुनावी राजनीति में हैं.
खड़गे राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं और उनके बेटे प्रियांक कर्नाटक के सिद्धारमैया सरकार में मंत्री हैं.
दूसरी ओर कांग्रेस भी बीजेपी पर सवाल उठाते हुए कहती हैं कि मेनका गांधी और उनके बेटे वरुण गांधी बीजेपी से सांसद हैं जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह भी विधायक हैं.
जेडीयू के चुनावी कैंपेन के गीत में एनडीए ग़ायब
जेडीयू ने मंगलवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपने कैंपेन का गीत जारी कर दिया है.
अंग्रेज़ी अख़बर द टेलीग्राफ़ के मुताबिक़, इस गीत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपलब्धियों का गुणगान किया गया है और उनको ‘संघर्ष’ करने वाला बताया गया है.
इस गीत को सुनने पर लगता है कि यह नीतीश कुमार को ध्यान में रखकर लिखा गया है.
नीतीश कुमार अब एनडीए गठबंधन में शामिल हो गए हैं. उन्होंने जनवरी में महागठबंधन से नाता तोड़ लिया था.
अख़बार लिखता है कि यह नया गीत नीतीश कुमार के नए गठबंधन से मेल खाता नहीं दिखता है क्योंकि बीजेपी ‘डबल इंजन सरकार’ का दावा करती है.
इस गीत में कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार ‘आगे बढ़ते रहे’ रहे लेकिन इसमें विपक्ष के बारे में नहीं बताया गया है.
नूंह हिंसा के अभियुक्त का शख़्स को पीटते वीडियो वायरल
नूंह हिंसा के अभियुक्त और गोरक्षक बिट्टू बजरंगी का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वो एक शख़्स को डंडे से पीट रहे हैं. बिट्टू इस समय ज़मानत पर जेल से बाहर हैं.
अंग्रेज़ी अख़बार हिंदुस्तान टाइम्स ने रिपोर्ट्स के हवाले से लिखा है कि ‘एक शख़्स ग़लत इरादे से अपने कमरे में दो लड़कियों को ले जा रहा था जिसके बाद बिट्टू के गैंग ने ऐसा किया.’
यह घटना बजरंगी के घर के बाहर हुई जहां पर उनके साथी उस शख़्स को लेकर आए और फिर बजरंगी ने उसे पीटा.
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मामले में अब तक कोई शिकायत नहीं दायर की गई है.












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