पौड़ी: लैंसडाउन में बाघ के हमले से महिला की मौत, विधायक दिलीप रावत ने इस्तीफे की धमकी दी

खबर शेयर करें -

पौड़ी: उत्तराखंड के पौड़ी जिले के लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र में बाघ का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है, जिससे इलाके में लगातार दहशत बढ़ती जा रही है। शुक्रवार देर शाम जयहरीखाल ब्लॉक के सिरोबाड़ी गांव में बाघ ने हमला कर 60 वर्षीय महिला उर्मिला देवी को मौत के घाट उतार दिया। यह घटना उस समय हुई जब महिला अपनी बहू के साथ घर के समीप चारापत्ती काट रही थीं।


💔 हमले का विवरण

  • मृतक: उर्मिला देवी (60 वर्ष)।

  • घटना: बहू प्रिया के घर लौटने के बाद, उर्मिला देवी खेत में अकेली रह गईं। तभी बाघ ने झाड़ियों से निकलकर उन पर हमला कर दिया और उन्हें करीब 50 मीटर तक घसीटकर ले गया।

  • दहशत: बहू ने जब उर्मिला देवी को खेत में न पाकर तलाश की, तो उन्होंने कुछ दूरी पर शव पड़ा देखा और उसके पास बाघ बैठा हुआ था। ग्रामीणों के शोर मचाने पर बाघ जंगल की ओर भाग गया।

यह भी पढ़ें 👉  गोवा नाइट क्लब अग्निकांड: टिहरी के सतीश राणा सहित उत्तराखंड के 5 लोगों की मौत, परिवार में पसरा मातम

😠 विधायक दिलीप रावत का आक्रोश और इस्तीफे की धमकी

घटना की जानकारी मिलते ही क्षेत्रीय विधायक दिलीप रावत (बीजेपी) पीड़ित परिवार से मिलने पहुँचे। उन्होंने वन्यजीव हमलों को रोकने में सरकारी अधिकारियों और सरकार की विफलता पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया।

  • सड़क का मुद्दा: विधायक ने कहा कि पिछले 11 साल से सड़क निर्माण का मुद्दा लंबित है। सड़क न होने के कारण ग्रामीणों को जंगल के रास्तों से गुजरना पड़ता है, जिससे जंगली जानवरों का खतरा बढ़ जाता है।

  • इस्तीफे की चेतावनी: उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि यदि सरकार वन अधिनियम में शिथिलता लाकर उत्तराखंड की परिस्थितियों के अनुरूप नियम नहीं बनाती है, बाघ को मारने की तत्काल अनुमति नहीं देती है, और लंबित सड़क का काम पूरा नहीं करती है, तो उन्हें मजबूरन इस्तीफा देना पड़ेगा

  • ग्रामीणों की चिंता: विधायक ने कहा कि ग्रामीण, खासकर महिलाएं और बच्चे, रोजमर्रा की गतिविधियों में भी सुरक्षा को लेकर दहशत में हैं।

यह भी पढ़ें 👉  पंतनगर विश्वविद्यालय: बीटेक छात्र ने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर की आत्महत्या

अन्य घटना: इसी बीच, रामनगर के पतरामपुर रेंज में भी देर शाम गुलदार ने एक युवक पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड: संविदा और उपनल कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! नियमितीकरण और समान वेतन पर कट-ऑफ डेट आगे बढ़ाने पर मंथन

वन विभाग की निष्क्रियता से परेशान ग्रामीणों ने स्थायी समाधान और निर्णायक कार्रवाई की मांग की है।