क्यों 1 करोड रुपए है इस “छिपकली” की कीमत।

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क्या आपको पता है? एक छिपकली की कीमत 1 करोड़ रुपए हैं। और इस अनोखे चिपकली का नाम है ‘टोके गेको’। यह छिपकली सबसे ज्यादा एशिया और पेसिफिक आईलैंड में पाई जाती है। एशिया में खासतौर पर साउथ और साउथईस्ट एशिया जहां पर भारत, भूटान, नेपाल, बांग्लादेश जैसे देश है। फिलीपींस और इंडोनेशिया में भी यह पाई जाती है। कई देशों में जंगल के कमी होने के कारण इस छिपकली का अस्तित्व कम हो रहा है। ओके गू 30 से 35 सेंटीमीटर लंबी होती है। इसके शरीर का निचला हिस्सा सपाट होता है। ज्यादातर यह छिपकली ग्रे कलर की होती है और उन छिपकली ओके ऊपर लाल रंग के धब्बे होते हैं। हालांकि यह वातावरण के हिसाब से अपना रंग भी बदल सकती है जैसे अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग रंग की पाई जाती है।

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छिपकली का सबसे मजबूत भाग उसके पैर इस पैर पर वह उस छिपकली का पूरा भार उठाती है। ऐसे में यह किसी भी दीवार पेड़ पर चढ़ने में बड़ी उस्ताद होती हैं। कई लोग इन्हें अपने घर में पालते भी हैं।
साउथ ईस्ट एशिया में टोके गेको अच्छी किस्मत और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। लेकिन इसकी तस्करी दवाइयां बनाने के लिए ज्यादा होती है। ऐसा माना जाता है कि यह ‘किडनी और फेफड़े’ को मजबूत करती है। इनका तेल लोग त्वचा पर लगाते हैं। हालांकि ‘मेडिकल साइंस’ ऐसी किसी भी दावे की पुष्टि नहीं करता, की ‘टोको गेको’ से इस तरह का कुछ फायदा होता है। चीन में इस छिपकली से मेडिसिनल लिकर भी बनाई जाती है और वहां के लोग बड़े चाव से पीते भी है। और ज्यादा शिकार होने की वजह से यह फिलीपींस में खत्म होने के कगार पर है। फिलीपींस में “इसकी तस्करी पर 12 साल की कैद हो सकती है और भारत में 3 साल से 7 साल या फिर 25000 तक जुर्माना भी हो सकता है”।

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