तपोवन तलाश और बचाव अभियान : टनल के अंदर जाना हो रहा रिस्की, अब तक 32 शव बरामद, 174 लापता

- लगातार तलाश और बचाव अभियान जारी
- गाद-पानी बहने के कारण अभियान में बाधा
उत्तराखंड के चमोली जिले में बाढ़ से क्षतिग्रस्त तपोवन विष्णुगाड परियोजना की सुरंग में जमा टनों गाद को पार करके वहां फंसे 30 से 35 लोगों तक पहुंचने के लिए सेना सहित विभिन्न एजेंसियों का संयुक्त बचाव एवं राहत अभियान लगातार चौथे दिन बुधवार को भी जारी रहा।
रविवार को ऋषिगंगा घाटी में पहाड़ से गिरी लाखों मीट्रिक टन बर्फ के कारण ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियों में अचानक आई बाढ़ से 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जल विद्युत परियोजना पूरी तरह तबाह हो गयी थी, जबकि बुरी तरह क्षतिग्रस्त 520 मेगावाट तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की सुरंग में काम कर रहे लोग उसमें फंस गए थे।
घटना के बाद से ही वहां लगातार तलाश और बचाव अभियान चलाया जा रहा है जिसमें सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) और राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) शामिल हैं। हालांकि, सुरंग के घुमावदार होने तथा वहां भारी मलबा, गाद और पानी बहने के कारण अभियान में बाधा आ रही है।
तपोवन में परियोजना स्थाल पर मौजूद परियोजना सलाहकार ए के श्रीवास्तव ने कहा कि अंदर फंसे लोगों तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए ड्रिलिंग जैसे उपायों पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सुरंग से लगातार मलबा बहकर आ रहा है जिसके कारण बचाव दल आगे नहीं जा पा रहे हैं। सुरंग की आकृति भी जटिल है जिसे समझने के लिए एनटीपीसी के अधिकारियों से संपर्क साधा गया है।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा,‘‘ सुरंग में फंसे लोगों का जीवन बचाने के लिए हम हर मुमकिन प्रयास करेंगे।” यहां राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली ताजा जानकारी के अनुसार, आपदा ग्रस्त क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों से अब तक कुल 32 शव बरामद हो चुके हैं जबकि 174 अन्य लापता हैं












अपने मोबाइल पर ताज़ा अपडेट पाने के लिए -
👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन करें