धौलीगंगा आपदा में अभी तक डेढ़ सौ लोगो के मरने की आशंका
देहरादून: चमोली जिले में ऋषिगंगा और फिर धौलीगंगा पर बने हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध टूटने से धौली गंगा ने विकराल रूप धारण कर लिया है। जिसको लेकर सरकार ने चमोली से लेकर हरिद्वार अलर्ट जारी कर दिया गया है। हादसे के करीब डेढ़ सौ से अधिक लोगो की मरने की आशंका है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पूरी घटना पर नजर रखे हुए है।
रविवार सुबह ऋषिगंगा नदी पर रैणी गांव में निर्माणाधीन 24 मेगावाट के हाइड्रो प्रोजेक्ट का बैराज टूट गया। पानी के तेज बहाव के कारण तकरीबन 10 किमी दूर तपोवन में धौलीगंगा नदी पर निर्माणाधीन 520 मेगावाट की विद्युत परियोजना का बैराज भी टूट गया। बाढ़ के खतरे को देखते हुए तपोवन से लेकर हरिद्वार तक के सभी जिलों में अलर्ट जारी करने के साथ ही गंगा व उसकी सहायक नदियों के किनारे के रास्ते बंद कर दिए गए हैं। गंगा के किनारे के सभी करीब छह सौ कैंपों को खाली कराया जा रहा है। साथ ही गंगा व उसकी सहायक नदियों के आसपास के क्षेत्रों को खाली कराया जा रहा है। हादसे में काफी संख्या में मजदूरों के बहने की सूचना है।
शासन ने किया हेल्प नंबर जारी
देहरादून: शासन ने धौलीगंगा में बाढ़ आने के बाद आपदा परिचालन केंद्र के नम्बर 1070 या 9557444486 जारी किया। अपील की जा रही है कि आपदा में फंसे होने पर इस हेल्प नंबर पर सम्पर्क करें। साथ ही घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह ना फैलाने की अपील की जा रही है। इधर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत चमोली को रवाना हो गए हैं। जबकि आपदा प्रबंधन की टीम भी मौके पर पहुंच गई है ।
डेढ़ सौ लोगो के मरने की आशंका
लालकुआं: मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा की सभी क्षेत्रों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। आपदा में 150 लोगों के मरने की आशंका है। पानी का बहाव अब थोड़ा कम हुआ है। इस कारण निचले इलाकों में रहने वालों को घबराने की आवश्यकता नहीं है।

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