अगर आप भी रोज़ाना करते हैं मॉर्निंग वॉक तो कम हो सकता है डायबिटीज का खतरा,जाने कैसे

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मॉर्निंग वॉक काफी ज्यादा फायदेमंद होता है. पैदल चलने से डायबिटीज कंट्रोल में रहता है. अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन ने मधुमेह के जोखिम को कम करने के लिए 10,000 कदम चलने की सलाह दी है.

हालांकि, एक नए रिसर्च में पता चला है कि ब्लड में शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है. इससे कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है. ब्लड में शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है: मॉर्निंग वॉक के कारण ब्लड का शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है. पैदल चलने से शरीर में इंसुलनि का लेवल सही रहता है. इसके साथ ब्लड में शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है.

कैलोरी बर्न होती है: पैदल चलने से आप सुबह में संग्रहीत वसा और शर्करा का उपयोग करके 300 कैलोरी तक जला सकते हैं.

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टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को कम करता है: पैदल चलने से टाइप 2 मधुमेह होने का जोखिम कम हो सकता है.

हृदय स्वास्थ्य में सुधार: पैदल चलने से रक्तचाप कम करने और खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिल सकती है.

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तनाव से राहत: पैदल चलने से एंडोर्फिन निकलता है, जो आपके मूड को बेहतर बनाने और तनाव को दूर करने में मदद कर सकता है. मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए पैदल चलने के कुछ सुझाव इस प्रकार हैं: धीरे-धीरे शुरू करें 5-10 मिनट पैदल चलने से शुरू करें और धीरे-धीरे 45-60 मिनट तक बढ़ाएं. तेज़ गति से चलें तेज़ गति से चलने से लाभ बढ़ सकते हैं. ग्लूकोज सप्लीमेंट के साथ चलें ब्लड शुगर लेवल को बहुत कम होने से बचाने के लिए अपने साथ ग्लूकोज सप्लीमेंट रखें. लगातार चलें प्रतिदिन 10,000 कदम या कम से कम 30 मिनट चलने की कोशिश करें. यदि आप एक बार में 30 मिनट नहीं चल सकते. तो पूरे दिन में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में चलने का प्रयास करें.

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रिसर्च के मुताबिक 30 मिनट की सुबह की सैर टाइप 2 मधुमेह में रक्त शर्करा के स्तर और इंसुलिन प्रबंधन को उचित नियंत्रण में रखने में मदद करती है. पैदल चलने से मांसपेशियों को शरीर में अधिक ग्लूकोज का उपयोग करने में मदद मिलती है और शरीर की अतिरिक्त चर्बी को जलाने में मदद मिलती है, और बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) में भी सुधार होता है.