उत्तराखंड: राज्य के दो अलग-अलग निजी अस्पतालों पर गंभीर आरोप लगे हैं, जिन्होंने स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक घटना ऋषिकेश के एक निजी अस्पताल में हुई, जहाँ एक महिला का ऑपरेशन किए बिना ही उसे रेफर कर दिया गया, जबकि दून के एक अस्पताल में तीन बच्चियों को जन्म देने के बाद एक महिला की मौत हो गई। दोनों ही मामलों में जाँच के आदेश दिए गए हैं।
ऋषिकेश के अस्पताल पर पेट चीरकर ऑपरेशन न करने का आरोप
ऋषिकेश में एक निजी अस्पताल पर यह आरोप लगा है कि उन्होंने एक महिला का ऑपरेशन करने के लिए उसका पेट चीर दिया, लेकिन फिर बिना ऑपरेशन किए ही पेट को बंद करके उसे दूसरे अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। इस घटना से शहर में भारी आक्रोश है। सीएमओ डॉ. मनोज शर्मा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जाँच बैठा दी है। अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी कर उनके बयान दर्ज किए गए हैं और सभी जरूरी दस्तावेज तलब किए गए हैं।
दून में तीन बच्चियों को जन्म देने के बाद महिला की मौत
दून के एक निजी अस्पताल में टिहरी के प्रतापनगर की एक 36 वर्षीय महिला की तीन जुड़वा बच्चियों को जन्म देने के बाद मौत हो गई। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, महिला की 2 सितंबर को सिजेरियन डिलीवरी हुई थी। महिला की गंभीर हालत को देखते हुए उसे तुरंत आईसीयू में भर्ती किया गया, जहाँ विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उनकी देखरेख कर रही थी। हालाँकि, कई गंभीर दिक्कतों के चलते 4 सितंबर को महिला का निधन हो गया।
इस घटना के बाद, सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो गई जिसमें दावा किया गया था कि परिजन बच्चियों को गोद देना चाहते हैं। इससे कई लोग अस्पताल पहुँच गए, लेकिन बाद में यह स्पष्ट हुआ कि परिजनों ने ऐसी कोई पोस्ट साझा नहीं की थी और वे खुद बच्चियों की परवरिश कर रहे हैं। अस्पताल के मैनेजर बीसी डिमरी ने बताया कि परिवार उसी रात तीनों बच्चियों को लेकर चला गया था और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की टीम को भी सभी जानकारी दे दी गई थी।



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