एसटीएफ़ ओर कोतवाली पुलिस की संयुक्त कार्रवाई, रुद्रपुर में अवैध हथियारों की बड़ी खेप पकड़ी

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बाजपुर का युवक चार विदेशी पिस्टल व दुनाली बंदूक सहित गिरफ्तार

राजू अनेजा,रुद्रपुर।उधम सिंह नगर में सक्रिय अवैध असलहा सप्लाई गिरोह पर एसटीएफ व स्थानीय पुलिस ने बड़ा वार किया है। संयुक्त कार्रवाई में बाजपुर के रहने वाले एक युवक को चार विदेशी सेमीऑटोमैटिक पिस्टल, 12 बोर की दुनाली बंदूक और बड़ी संख्या में जिंदा कारतूसों के साथ गिरफ्तार किया गया। काशीपुर फ्लाईओवर के नीचे बिछाए गए जाल में आरोपी पुलिस को देखकर भागने की कोशिश कर रहा था, लेकिन घेराबंदी में दबोच लिया गया।


ऐसे हुई कार्रवाई – मुखबिर की सूचना पर तुरंत जाल बिछाया

एसटीएफ प्रभारी निरीक्षक महेंद्र पाल सिंह अपनी टीम—एसआई बृजभूषण गुरुरानी, एएसआई प्रकाश भगत, हेड कां. सुरेंद्र सिंह कनवाल, दुर्गा सिंह, गोविंद सिंह, जगपाल सिंह, रियाज अख्तर व कां. गुरवंत सिंह—के साथ देहरादून मुख्यालय से मिले चेकिंग आदेशों के अनुपालन में रुद्रपुर क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाए हुए थे।

इसी दौरान मुखबिर ने सूचना दी कि बाजपुर का युवक मोटरसाइकिल से भारी मात्रा में अवैध असलहा लेकर वसुंधरा कॉलोनी क्षेत्र में डिलीवरी के लिए पहुंचने वाला है।

सूचना पर तुरंत कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मनोज रतूड़ी को अवगत कराया गया। रतूड़ी, एसआई प्रियांशु जोशी, देवेंद्र सिंह मेहता और एएसआई अमित कुमार के साथ गाबा चौक पहुंचे और काशीपुर फ्लाईओवर के नीचे घेराबंदी कर ली।

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पुलिस को देखते ही घबराया आरोपी, बाइक मोड़कर भागने लगा

करीब कुछ देर बाद काशीपुर की ओर से आती मोटरसाइकिल पर सवार युवक को मुखबिर ने पहचान लिया। रोकने पर युवक घबरा गया और बाइक मोड़कर वापस जाने लगा, लेकिन पुलिस टीम ने उसे दबोच लिया।
इसी दौरान काशीपुर से एसआई जगदीश चन्द्र तिवारी, कां. नरेन्द्र सिंह और गिरजा शंकर की टीम भी मौके पर पहुंच गई।


बरामदगी — विदेशी पिस्टल से लेकर दुनाली तक

पूछताछ में आरोपी की पहचान मौ. आसिम (32 वर्ष) पुत्र शकील अहमद, निवासी ग्राम धनसारा, बाजपुर के रूप में हुई। तलाशी में मिले हथियार—

  • 4 विदेशी सेमीऑटोमेटिक पिस्टल (.32 बोर)
  • 1 दुनाली बंदूक (12 बोर)
  • 10 जिंदा कारतूस (.32 बोर)
  • 30 जिंदा कारतूस (12 बोर)

हथियारों की इतनी बड़ी खेप मिलने से पुलिस भी सतर्क हो गई है।


मुकदमा दर्ज, बाइक सीज — STF ने माना बड़ी सफलता

बरामदगी के आधार पर आरोपी के खिलाफ आर्म्स एक्ट की धारा 25 (1-बी)ए में मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसकी मोटरसाइकिल भी सीज कर दी गई है।


पुलिस का आधिकारिक बयान

एसटीएफ प्रभारी महेंद्र पाल सिंह ने कहा—
“अवैध हथियारों की सप्लाई श्रृंखला पर लगातार नज़र रखी जा रही है। यह गिरफ्तारी उसी निगरानी का परिणाम है। नेटवर्क के अन्य लिंक तलाशे जा रहे हैं।”

अब तक की जानकारी के आधार पर पुलिस ने हथियारों की सप्लाई के उद्देश्य को स्पष्ट रूप से सार्वजनिक नहीं किया है, लेकिन सूत्रों और पुलिस कार्रवाई के पैटर्न को देखते हुए कुछ संभावित एंगल सामने आते हैं। खबर की भाषा में आपको यह विश्लेषण ऐसे मिलेगा—

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आखिर क्या था हथियारों को रुद्रपुर पहुँचाने का इरादा?

रुद्रपुर में पकड़े गए चार विदेशी पिस्टल और दुनाली बंदूक की खेप ने जांच एजेंसियों के सामने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है—
आखिर इन हथियारों की डिलीवरी किसके लिए और किस मकसद से की जा रही थी?

पुलिस अभी शुरुआती जांच में है, लेकिन प्राथमिक तौर पर तीन बड़े एंगल उभरकर सामने आ रहे हैं—


① किसी गैंग या आपराधिक गिरोह को सप्लाई का शक

उधम सिंह नगर जिले में पिछले कुछ महीनों से खूंखार अपराधियों, रंगदारी गैंग और शूटरों की सक्रियता बढ़ी है। पुलिस को शक है कि यह हथियार—

  • रंगदारी वसूलने,
  • विवादित संपत्ति मामलों में दबाव बनाने,
  • और टारगेटेड शूटिंग

जैसे अपराधों में इस्तेमाल होने वाले थे।


② चुनावी सीज़न के मद्देनज़र हथियारों की खपत भी एक संभावना

स्थानीय निकाय से लेकर पंचायत और अन्य चुनावी हलचल वाले समय में अपराधी अक्सर हथियार इकठ्ठा करते हैं।
कुछ हथियार विदेशी पिस्टल होने के कारण संभव है कि इनका इस्तेमाल “प्रेशर क्रिएट” करने के लिए किया जाना था।

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③ अवैध हथियारों की बड़ी सप्लाई चेन का हिस्सा भी हो सकता है

पुलिस इस एंगल पर भी काम कर रही है कि बाजपुर से लेकर रुद्रपुर–काशीपुर तक कोई**

बड़ी हथियार सप्लाई नेटवर्क

चल रहा है, जिसके लिए यह युवक सिर्फ डिलीवरी एजेंट के तौर पर काम कर रहा था।

बरामदगी की मात्रा देखकर यह महज़ “व्यक्तिगत उपयोग” का मामला बिल्कुल नहीं लगता।


पुलिस का फोकस अब किन बिंदुओं पर है?

  • युवक यह हथियार किससे लेकर आया?
  • रुद्रपुर में किसे देने वाला था?
  • क्या पहले भी ऐसी डील्स हुई हैं?
  • हथियारों की फॉरेंसिक जांच से पता चलेगा कि पहले किसी वारदात में इस्तेमाल हुए या नहीं।

ताज़ा संकेत

पूछताछ में आरोपी ने अभी तक डिलीवरी के असली ग्राहक का नाम नहीं उगला है, जिससे पुलिस मानकर चल रही है कि मामला बड़ा है और आरोपी के पीछे पूरा गैंग सक्रिय है।