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खनन विभाग ने तोड़ा राजस्व वसूली का रिकार्ड, वित्तीय वर्ष के प्रथम छह माह में 78 प्रतिशत अधिक हुई राजस्व वसूली

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देहरादून: उत्तराखंड सरकार द्वारा उपखनिज परिहार नियमावली में सरलीकरण समेत तमाम बदलाव करते हुए खनन से राजस्व वसूली के नए कीर्तिमान स्थापित किए है। जिसके तहत खनन विभाग ने गत वित्तीय वर्ष के सापेक्ष वर्ष 2023 – 24 में 40 प्रतिशत अधिक राजस्व वसूली की है। यही नहीं वर्तमान वित्तीय वर्ष के प्रथम छह माह में 78 फीसदी अधिक राजस्व प्राप्त किया है।

बता दें कि राज्य सरकार द्वारा खनन विभाग को वर्ष 2022-23 में 875 करोड का राजस्व वसूली का लक्ष्य दिया था। जिसके सापेक्ष भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय द्वारा 472.25 करोड राजस्व अर्जित किया गया। जबकि वर्ष 2023-24 में 875.00 करोड रूपये का लक्ष्य रखा गया था। जिसके सापेक्ष भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय उत्तराखण्ड द्वारा कुल रू0 645.42 करोड राजस्व के रूप में अर्जित किया गया, जो गत वर्ष की तुलना में कुल रू0 173.17 करोड अर्थात लगभग 40 प्रतिशत अधिक है।

इसके अलावा वर्ष 2022-23 के माह अप्रैल से सितम्बर में रू0 202.89 करोड, वर्ष 2023-24 में माह अप्रैल से सितम्बर में रू0 255.98 करोड एवं वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में वित्तीय वर्ष के प्रथम छह माह में 456.63 करोड राजस्व की प्राप्ति की गयी। जोकि विगत वर्ष प्रथम छः माहों मे प्राप्त राजस्व से कुल रू0 200.65 करोड यानि 78 प्रतिशत अधिक है।
भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय उत्तराखण्ड देहरादून के निदेशक राजपाल लेघा ने बताया कि उक्त रिकार्ड राजस्व प्राप्ति का श्रेय राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड उपखनिज परिहार नियमावली में सरलीकरण करना है।

इसके साथ ही ई-निविदा सह-ई नीलामी के माध्यम से नये खनिज लॉटो का चिन्हिकरण कर उनको ई-निविदा के माध्यम से आवंटित किया जाना, निदेशालय स्तर पर गठित प्रर्वतन दल के द्वारा अवैध खनन, परिवहन एवं भण्डारण की प्रभावी रोकथाम हेतु निरन्तर प्रभावी ढंग से कार्यवाही किया जाना, मुख्यालय स्तर पर ई-रवन्ना पोर्टल की समय-समय पर निगरानी करते हुए ई-खन्ना पोर्टल को उन्नत (Upgradation) किया जाना, चार जनपदो यथा देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंहनगर व नैनीताल मे निविदा के माध्यम से आवंटित कम्पनी के द्वारा प‌ट्टाधनराशि / अपरिहार्य भाटक आदि की वसूली को दिया जाना है।

साथ ही खनन कार्य को और अधिक पारदर्शी, सुदृढ बनाये जाने तथा अवैध खनन / अवैध परिवहन की प्रभावी रोकथाम एवं राजस्व वृद्धि हेतु आधुनिक Mining digital Transformation and Surveillance System (MDTSS) विकसित किये जाने हेतु राज्य सरकार के द्वारा कुल 45 माईन चैक गेट्स स्थापित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है। जिसकी कार्यवाही गतिमान है। इसके साथ ही रखन्ना प्रपत्रों को डिजिटल रूप में ही रखने हेतु कार्यवाही गतिमान है।

—- आमजन को मिल रहा है सस्ता उपखनिज

देहरादून: स्टोन क्रेशर्स / स्क्रीनिंग प्लांट्स में कच्चे माल के रूप मे उपखनिज की भरपूर आपूर्ति होने से उपखनिज ग्रिट, डस्ट, सैण्ड, रेता, बजरी इत्यादि वर्तमान में रू0 70/- प्रति कुन्टल की दर से बेचा जा रहा है। जो कि पूर्व वर्ष में रू0 140/- प्रति कुन्टल की दर से बेचा जा रहा था। जिसके फलस्वरूप आम जनमानस को निर्माण सामग्री सस्ते दामों मे प्राप्त हो रही है व सरकारी कार्यदायी संस्थाओं को कच्चे / पक्के माल की निर्माण सामग्री की आपूर्ति सस्ते दामों में प्राप्त हो रही है।

—– पूरा होगा वित्तीय वर्ष 2024 – 25 का लक्ष

देहरादून: खनन विभाग के निदेशक राजपाल लेघा ने बताया कि वर्तमान में वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु राज्य सरकार के द्वारा भूतत्य एवं खनिकर्म निदेशालय उत्तराखण्ड को जो राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उसकी शत प्रतिशत प्राप्ति हेतु विभाग के द्वारा निरन्तर, अथक प्रयास किया जा रहा है। भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय उत्तराखण्ड द्वारा निर्धारित लक्ष्य से भी अधिक राजस्व की प्राप्ति की जायेगी।

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