चलती ट्रेन में घुसी लोहे की रॉड, खिड़की का शीशा तोड़कर यात्री के गले से आर-पार

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अलीगढ़ में एक बेहद चौंकाने वाला हादसा हुआ है। यहां पटरी पर पड़ी लोहे की रॉड उछलकर एक ट्रेन की खिड़की का शीशा तोड़ते हुए सीधे एक यात्री के गले आर-पार हो गई। इस दर्दनाक हादसे में यात्री ने मौके पर दम तोड़ दिया।

हादसे में एक महिला भी बाल-बाल बच गई। घटना के बाद पूरी कोच में अफरातफरी मच गई। आनन-फानन में चेन पुलिंग की गई। इसके बाद आरपीएफ को सूचना दी। आरपीएफ और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची, जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। हादसे की वजह जानकर सब हैरान हैं कि क्या मौत इस तरह भी किसी को अपनी चपेट में ले सकती है क्या?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नीलांचल एक्सप्रेस दिल्ली से रवाना हुई थी। सुल्तानपुर के गोपीनाथपुर गांव निवासी हरिकेश कुमार दुबे घर जाने के लिए दिल्ली से ही इस ट्रेन में सवार हुए थे। हरिकेश जनरल बोगी में खिड़की वाली सीट पर बैठे थे। बताया जा रहा है कि ट्रेन 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही थी। अलीगढ़ के नजदीक डाबर-सोमना स्टेशन के बीच अचानक पटरी पर रखी लोहे की रॉड उड़कर खिड़की का शीशा तोड़ते हुए सीधे हरिकेश के गले के आर-पार हो गई। यह रॉड इतनी तेजी से आई कि हरिकेश को बचने का भी मौका नहीं मिला। उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

कंपार्टमेंट में मची चीख पुकार

हादसे के बाद कंपार्टमेंट में चीख-पुकार मच गई। यात्री इधर-उधर भागने लगे। कई यात्रियों को तो समझ ही नहीं आया कि आखिर हुआ क्या है। जब कंपार्टमेंट के फर्श पर खून दिखा तो कंपार्टमेंट के अन्य यात्रियों को पता चला कि हादसा हो गया है। इसके बाद यात्रियों ने चेन पुलिंग करके ट्रेन को रोकी। हादसे की सूचना मिलते ही GRP और RPF समेत तमाम रेलवे के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए और घटना की जानकारी ली। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

पेशे से टेक्निशियन थे हरिकेश

पुलिस ने बताया कि हरिकेश कुमार दुबे मूल रूप से सुल्तानपुर के गोपीनाथपुर गांव के रहने वाले थे। वे दिल्ली में मोबाइल टॉवर से जुड़ी कंपनी में टेक्निशियन थे। उन्हें घर जाना था, जिसके लिए वे नीलांचल एक्सप्रेस में सवार हुए थे। ट्रेन अलीगढ़ के सोमना पहुंचने वाली थी, तभी यह हादसा हो गया।

प्रत्यक्षदर्शी महिला ने दिया यह बयान

हरिकेश के पास वाली सीट पर बैठी महिला ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि ट्रेन की स्पीड बहुत तेज थी। उसे यह भी पता नहीं चला कि कब रॉड आकर उसके पास वाले यात्री के गले में जा लगी। शायद ट्रेन तेज आवाज के चलते उसकी चीख भी नहीं सुनाई दी। चंद सेकंड में जब सीट पर खून बहता देखा तो आसपास के सभी यात्रियों की चीख निकल गई। उसने बताया कि वो इस हादसे में बाल-बाल बची। पुलिस ने बताया कि मृतक के परिजनों को हादसे की सूचना दे दी गई है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।