चेतावनी, महिलाओं के लिए खतरनाक पेटीकोट कैंसर! जानें कौन-सी गलती बढ़ा सकती है जोखिम

खबर शेयर करें -

अगर आप साड़ी पहनने की शौकीन हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकती है। हाल ही में डॉक्टर्स ने साड़ी और पेटीकोट पहनने वाली महिलाओं को एक गंभीर चेतावनी दी है।

एक नई रिसर्च में यह सामने आया है कि साड़ी को कमर पर कसकर बांधने से त्वचा संबंधी रोग और यहां तक कि एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर, जिसे पेटीकोट कैंसर या साड़ी कैंसर कहा जाता है, हो सकता है। आइए जानते हैं कि यह कैंसर क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है।

क्या है पेटीकोट कैंसर?

पेटीकोट कैंसर को मेडिकल भाषा में मार्जोलिन अल्सर कहा जाता है। यह एक प्रकार का त्वचा का कैंसर है, जो तब होता है जब महिलाएं पेटीकोट को कमर के चारों ओर बहुत कसकर बांधती हैं। लंबे समय तक पेटीकोट की डोरी या कमरबंद को एक ही जगह पर बांधे रखने से त्वचा में जलन होने लगती है, जो बाद में कैंसर का रूप ले सकती है। यह आमतौर पर शरीर के मध्य भाग या कमर के चारों ओर होता है, जहां पेटीकोट की डोरी बांधी जाती है।

यह भी पढ़ें 👉  आज बारिश और ओलावृष्टि को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी, सभी जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

पेटीकोट कैंसर के लक्षण

भारत में अधिकतर महिलाएं साड़ी पहनती हैं, इसलिए उनमें पेटीकोट कैंसर के कुछ मामले सामने आने लगे हैं। इसके कुछ मुख्य लक्षणों में शामिल हैं:

  • त्वचा में जलन: जहां पेटीकोट बंधा होता है, वहां स्किन में जलन और खुजली होती है।
  • काली परत: कमर के चारों ओर पिगमेंटेशन (काले धब्बे) दिखने लगते हैं।
  • खुलजी और दर्द: समय के साथ यह खुजली और दर्द बढ़ने लगते हैं।
यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड : आज पांच जिलों में भारी बारिश का अंदेशा, मौसम विभाग ने बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी कर लोगों को सतर्क रहने की करी अपील

अगर आपको ये लक्षण दिखें, तो इसे हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। समय पर जांच कराने से इस समस्या का इलाज आसानी से हो सकता है।

पेटीकोट कैंसर से बचाव के उपाय

यदि महिलाएं इस दुर्लभ बीमारी से बचना चाहती हैं, तो उन्हें कुछ साधारण लेकिन महत्वपूर्ण सावधानियाँ बरतनी चाहिए:

  • पेटीकोट कसकर न बांधें: साड़ी पहनते समय पेटीकोट की डोरी को बहुत कसकर न बांधें।
  • चौड़े कमरबंद का उपयोग करें: डोरी के बजाय चौड़े कमरबंद का इस्तेमाल करें, जो कमर पर दबाव नहीं डालता।
  • स्वच्छता का ध्यान रखें: पेटीकोट जहां बंधता है, उस जगह पर सफाई बनाए रखें ताकि पसीना और धूल जमा न हो।
  • डोरी की जगह इलास्टिक चुनें: इलास्टिक या कम्फर्टेबल कमरबंद से दबाव कम होता है, जिससे त्वचा पर प्रभाव नहीं पड़ता।
यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में बारिश और ओलावृष्टि, जमकर गिरे ओले, दिन में छाया घुप अंधेरा

पेटीकोट कैंसर, भले ही दुर्लभ है, लेकिन इससे बचाव के लिए महिलाओं को साड़ी पहनते समय थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए। छोटी-छोटी आदतें, जैसे कमरबंद का इस्तेमाल और साफ-सफाई का ध्यान रखना, इस समस्या को रोकने में मदद कर सकती हैं। यदि कोई लक्षण नजर आएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और अपना स्वास्थ्य सुरक्षित रखें।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad