छठ पूजा में महिलाएं नाक से माथे तक सिंदूर क्यों लगाती हैं, जानिए कारण

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छठ पूजा का त्योहार शुरू हो चुका है। इस दौरान घर में पूजा और गीतों का आनंद लिया जाता है, और इस पर्व में ठेकुआ की खुशबू और छठी मैया के गीतों के साथ एक और चीज़ जो सबका ध्यान आकर्षित करती है, वह है महिलाओं द्वारा नाक से लेकर माथे तक सिंदूर लगाना।

जब छठ पूजा के घाट पर महिलाओं को नाक पर सिंदूर लगाते हुए देखा जाता है, तो यह सवाल उठता है कि आखिर क्यों महिलाएं इस दौरान सिंदूर लगाती हैं?

सिंदूर लगाने के पीछे के विश्वास
सिंदूर को हमेशा सौभाग्य का प्रतीक माना गया है और यह पति की लंबी उम्र के लिए लगाया जाता है। शादी के समय अगर महिला के नथ में सिंदूर पड़ता है, तो यह माना जाता है कि ससुरालवाले उसे बहुत प्यार करते हैं।

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अब सवाल यह है कि छठ पूजा के दौरान महिलाएं नाक पर सिंदूर क्यों लगाती हैं?

नाक से माथे तक सिंदूर लगाने का कारण
छठ पूजा के समय महिलाएं नाक की नोक से लेकर बीच तक सिंदूर लगाती हैं और इसे सिर के बालों में भी भर देती हैं। इस सिंदूर का रंग आमतौर पर नारंगी या लाल होता है और इसे इस तरह से लगाना जाता है कि यह सबकी नजर में आ सके। ऐसा माना जाता है कि इस तरह से नाक से लेकर माथे तक सिंदूर लगाने से पति की उम्र लंबी होती है।

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इसके अलावा, नारंगी रंग के सिंदूर को सूर्य देवता के लाल रंग के प्रतीक के रूप में देखा जाता है, जो हमेशा चमकता रहता है। एक और मान्यता है कि जितना अधिक समय तक यह सिंदूर लगाया जाएगा, पति का उतना ही ज्यादा विकास और समृद्धि होगी।

छठ पूजा का महत्व
छठ पूजा का एक विशेष महत्व है। इस दिन सूर्य देवता की पूजा की जाती है, खासकर सूर्योदय और सूर्यास्त के समय। यह पूजा विशेष रूप से संतान और परिवार की सुख-शांति और समृद्धि के लिए की जाती है।

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इसलिए, महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और समृद्धि की कामना करते हुए नाक से लेकर माथे तक सिंदूर लगाती हैं, ताकि उनका जीवन खुशहाल और संपन्न हो।